श्रीमंत शंकरदेव (1449 - 1568)

प्रसिद्ध भारतीय शास्त्रीय नृत्यांगना सोनल मानसिंह को श्रीमंत शंकरदेव पुरस्कार (असम के सर्वोच्च सांस्कृतिक सम्मानों में से एक) से सम्मानित किया गया है।
श्रीमंत शंकरदेव के बारे में:
- वे 15वीं शताब्दी के महान संत और समाज सुधारक थे, जिनका जन्म आली-पुखुरी (नगांव जिला, असम) में हुआ था।
- उन्होंने एकसरना धर्म (एकेश्वर भक्ति पर आधारित एक नव वैष्णव आंदोलन) की शुरुआत की। यह धर्म भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति पर आधारित था।
योगदान:
- कीर्तन घोष: यह असमिया भाषा में रचित एक भक्ति ग्रंथ है। इसमें भगवान कृष्ण की महिमा का उल्लेख मिलता है।
- गुणमाला: यह भागवत पुराण का एक संक्षिप्त संस्करण है।
- अंकिया नाट: यह एकांकी नाटक का एक रूप है। इसमें नृत्य, संगीत और कथा का मिश्रण देखने को मिलता है।
- भाओना: यह अंकिया नाट पर आधारित एक पारंपरिक नाट्य प्रस्तुति है। इसका प्रदर्शन आमतौर पर सत्रों (वैष्णव मठों) में किया जाता है।
- सत्त्रिया नृत्य: यह सत्रों के भीतर विकसित एक शास्त्रीय नृत्य शैली है। यह भारत के आठ शास्त्रीय नृत्य रूपों में से एक है।
- साहित्यिक कृतियां: भक्ति प्रदीप, भक्ति रत्नाकर, कीर्तन-घोष, आदि।
मूल्य: आध्यात्मिकता, समधर्मीवाद (सिंक्रेटिज्म), मानवतावाद, आदि।