चंद्रयान डेटा से चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र का पहला विस्तृत भूवैज्ञानिक मानचित्रण किया गया | Current Affairs | Vision IAS
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चंद्रयान डेटा से चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र का पहला विस्तृत भूवैज्ञानिक मानचित्रण किया गया

Posted 28 Feb 2025

9 min read

इसरो के और अन्य शोधकर्ताओं ने प्रज्ञान रोवर से प्राप्त डेटा का उपयोग करते हुए चंद्रमा का पहला विस्तृत मानचित्र तैयार किया है। प्रज्ञान रोवर को चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर द्वारा चंद्रमा पर 9 दिवसीय मिशन के लिए भेजा गया था।

  • साउथ पोल-ऐटकेन बेसिन: विक्रम लैंडर इस प्राचीन और विशाल क्रेटर के पास उतरा था, जो सौरमंडल का एक बड़ा क्रेटर है।

चंद्रयान-3 द्वारा चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के अन्वेषण से जुड़े प्रमुख निष्कर्ष

  • भू-भाग के प्रकार: ऊंचे-ऊंचे उतार-चढ़ाव वाले भू-दृश्य और निचले व समतल मैदान।
  • सब्सर्फेस मैग्मा ओशन की पुष्टि: इससे पिघले हुए लावा के प्राचीन विशाल भंडार की पुष्टि होती है, जो पूरे चंद्रमा में फैला हुआ है।
  • चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र की आयु: इसे लगभग 3.7 बिलियन वर्ष पुराना माना गया है, जो उस समय के आसपास का है, जब पृथ्वी पर सूक्ष्मजीवों का उद्भव हुआ था।
  • पृथ्वी के साथ एक समान उत्पत्ति: पृथ्वी के साथ चंद्रमा की भू-रासायनिक समानताएं इस सिद्धांत का समर्थन करती हैं कि दोनों पिंडों की उत्पत्ति एक ही पिघले हुए पदार्थ से हुई है।
    • यह संभवत: पृथ्वी और मंगल ग्रह के आकार के एक समान विशाल पिंड के बीच 4.5 बिलियन साल पहले हुई एक विशाल टक्कर के कारण हुआ होगा।

चंद्रमा के क्रेटरों का महत्त्व

  • चंद्रमा के क्रेटर करोड़ों वर्षों से संरक्षित हैं, क्योंकि वहां वायुमंडलीय अपरदन नहीं होता है।
  • ये चंद्रमा के शुरुआती इतिहास के महत्वपूर्ण संकेत प्रदान करते हैं और अन्य ग्रहों की भूगर्भीय विशेषताओं का समय निर्धारण करने में सहायता करते हैं।
  • चंद्र क्रेटर टाइम-कैप्सूल की तरह होते हैं, जो संपूर्ण सौर मंडल को आकार देने वाले अंतरिक्ष से चट्टान या पिंडों के टकराव के रिकॉर्ड को संरक्षित रखे हुए हैं।
  • Tags :
  • चंद्रयान-3
  • साउथ पोल-ऐटकेन बेसिन
  • चंद्रमा
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