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स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) ईयरबुक 2025 में परमाणु हथियार बढ़ाने की नई प्रतिस्पर्धा की चेतावनी दी गई

Posted 17 Jun 2025

7 min read

मुख्य निष्कर्ष

  • वैश्विक परमाणु भंडार में गिरावट: शीत युद्ध के अंत के बाद से अब तक, जितने परमाणु हथियार समाप्त किए गए हैं, नए हथियारों की संख्या उनसे कम रही है।
  • हथियारों की संख्या बढ़ाने वाले देश: चीन सबसे तेजी से अपने परमाणु हथियार बढ़ा रहा है, उसके पास अब कम-से-कम 600 परमाणु हथियार हैं।
    • भारत के परमाणु हथियारों की संख्या 172 से बढ़कर 180 हो गई है, जो पाकिस्तान के 170 से ज्यादा है।
  • आधुनिकीकरण: 2024 में सभी 9 परमाणु हथियार संपन्न देशों ने अपने हथियारों को और आधुनिक बनाने का काम जारी रखा था।
  • विस्फोटक सामग्री की स्थिति: परमाणु हथियार बनाने में विस्फोटक सामग्री के रूप में विखंडनीय सामग्री या तो अत्यधिक संवर्धित यूरेनियम (HEU) या अलग किए गए प्लूटोनियम का इस्तेमाल किया जा रहा है।
    • चीन और पाकिस्तान ने अपने परमाणु हथियारों में उपयोग के लिए HEU एवं प्लूटोनियम दोनों का उत्पादन किया है।
    • भारत और इजरायल ने मुख्य रूप से प्लूटोनियम का उत्पादन किया है।
  • उभरते खतरे:
    • आधुनिक प्रौद्योगिकियां: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), साइबर क्षमताएं, अंतरिक्ष परिसंपत्तियां, मिसाइल रक्षा और क्वांटम तकनीक का तेजी से विकास परमाणु हथियारों से जुड़ी नवीन चुनौतियां पैदा कर रहा है।
  • संकट में हथियार नियंत्रण: हालांकि, न्यू स्टार्ट/ START संधि 2026 की शुरुआत तक लागू है, परन्तु वर्तमान में इसे नवीनीकृत करने या नई संधि पर बात होने के कोई संकेत नहीं हैं। 
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