संयुक्त राज्य अमेरिका के 'ऑपरेशन मिडनाइट हैमर' के बाद ईरान ‘होर्मुज स्ट्रेट’ जलमार्ग को बंद करने पर विचार कर रहा है | Current Affairs | Vision IAS
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संयुक्त राज्य अमेरिका के 'ऑपरेशन मिडनाइट हैमर' के बाद ईरान ‘होर्मुज स्ट्रेट’ जलमार्ग को बंद करने पर विचार कर रहा है

Posted 23 Jun 2025

12 min read

'ऑपरेशन मिडनाइट हैमर' के तहत ईरानी परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हवाई हमले किए गए हैं। इन हमलों के बाद ईरान की संसद ने होर्मुज स्ट्रेट (जलडमरूमध्य) को बंद करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।  

‘ऑपरेशन मिडनाइट हैमर’ के बारे में

  • लक्षित परमाणु ठिकानें: संयुक्त राज्य अमेरिका ने अपने इस ऑपरेशन के तहत ईरान के परमाणु ठिकानों (नतांज, इस्फ़हान और फोर्डो) को निशाना बनाया है।
    • ये ठिकाने ईरान के परमाणु कार्यक्रम के मुख्य केंद्र हैं। वर्ष 2018 में अमेरिका ईरानी परमाणु समझौते “जॉइंट कॉम्प्रिहेंसिव प्लान फॉर एक्शन (JCPOA)” से हट गया था। अमेरिका के इस कदम के बाद ईरानी परमाणु कार्यक्रम का कथित तौर पर तेजी से विकास हुआ है।
  • अमेरिकी ऑपरेशन के तहत इस्तेमाल किए गए हथियार: B-2 स्टील्थ बॉम्बर, GBU-57 बंकर बस्टर बम (मैसिव ऑर्डिनेंस पेनिट्रेटर) और टॉमहॉक मिसाइलें। 

होर्मुज स्ट्रेट (जलडमरूमध्य) के बारे में

  • यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण समुद्री मार्ग है, जो फारस की खाड़ी को ओमान की खाड़ी से आगे अरब सागर से जोड़ता है।
  • इस स्ट्रेट की कुल लंबाई लगभग 167 किलोमीटर है और सबसे संकीर्ण स्थान पर यह केवल 33 किलोमीटर चौड़ा है। 

होर्मुज स्ट्रेट के बंद होने के प्रभाव

  • विश्व में ऊर्जा आपूर्ति पर प्रभाव: होर्मुज स्ट्रेट से होकर विश्व को बड़ी मात्रा में तेल और गैस की आपूर्ति की जाती है। एक अनुमान के अनुसार इस स्ट्रेट से विश्व के 20% तेल और LNG का व्यापार होता है।
  • सामरिक महत्त्व: यह स्ट्रेट खाड़ी क्षेत्र के सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और कुवैत जैसे प्रमुख तेल उत्पादकों को अंतर्राष्ट्रीय बाजारों से जोड़ने वाला एकमात्र लाभकारी समुद्री मार्ग है।
  • मुद्रास्फीति बढ़ने का खतरा: तेल और गैस की आपूर्ति बाधित होने से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इनकी कीमतें बढ़ेंगी, जिससे मुद्रास्फीति में भी वृद्धि होगी।  

होर्मुज स्ट्रेट के बंद होने से भारत पर प्रभाव

  • ऊर्जा सुरक्षा खतरे में पड़ना: भारत में लगभग 40% कच्चे तेल और करीब 50% प्राकृतिक गैस का आयात इसी स्ट्रेट से होते हैं।
  • व्यापार घाटा: ध्यातव्य है कि भारत, दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बड़े तेल आयातक देश है। जाहिर है कि तेल और प्राकृतिक गैस के मूल्य में वृद्धि से आयात मूल्य भी बढ़ेगा। इससे व्यापार घाटे में और अधिक बढ़ोतरी होगी। 
  • आर्थिक स्तर पर खतरा: कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें भारत की अर्थव्यवस्था के लिए नुकसानदेह हैं। इससे भारतीय रुपये का अवमूल्यन हो सकता है और वित्तीय बाजारों पर भी दबाव बढ़ सकता है।

 

 

  • Tags :
  • ‘होर्मुज स्ट्रेट’ जलमार्ग
  • ऑपरेशन मिडनाइट हैमर
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