2025 की SDR रिपोर्ट की थीम है – ‘2030 और मध्य शताब्दी तक सतत विकास के लिए वित्त-पोषण (Financing Sustainable Development to 2030 and Mid-Century)’। यह रिपोर्ट बताती है कि दुनिया ने सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को हासिल करने के लिए अब तक कितनी प्रगति की है।
- संयुक्त राष्ट्र सतत विकास समाधान नेटवर्क (UNSDSN) वर्ष 2016 से हर साल सस्टेनेबल डेवलपमेंट रिपोर्ट (SDR) जारी करता है।
- UNSDSN की शुरुआत 2012 में हुई थी, ताकि वैज्ञानिक और तकनीकी विशेषज्ञों की मदद से SDGs और पेरिस जलवायु समझौते को लागू किया जा सके।
सतत विकास लक्ष्य (SDGs) क्या हैं?
- SDGs दरअसल 17 वैश्विक लक्ष्यों का एक समूह हैं। इन्हें 2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अपनाया गया था। ये लक्ष्य सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा का हिस्सा हैं और इन्हें 2030 तक प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।
- SDGs की नींव सहस्राब्दि विकास लक्ष्यों (Millennium Development Goals: MDGs) पर रखी गई थी। उल्लेखनीय है कि MDGs का मुख्य उद्देश्य वर्ष 2000 से 2015 के दौरान वैश्विक स्तर पर चरम गरीबी को कम करना था।

रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नज़र:
- SDGs को हासिल करने के प्रति वैश्विक प्रतिबद्धता मजबूत स्थिति में: 193 में से 190 देशों ने सतत विकास को आगे बढ़ाने के लिए अपना नेशनल एक्शन प्लान पेश किया है।
- SDGs को हासिल करने का लक्ष्य अभी दूर है: ऐसा कोई भी SDG नहीं है जो 2030 तक पूरा होने की राह पर हो।
- संयुक्त राष्ट्र बहुपक्षवाद (UN Multilateralism) को लेकर समर्थन: 2025 की यू.एन. मल्टीलेटरलिज्म (UN-Mi) रैंकिंग में बारबाडोस पहले स्थान पर है, जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका अंतिम स्थान पर है।
- भारत की उपलब्धि: भारत ने अपनी रैंकिंग में सुधार किया है और 2024 के 109वें रैंक से आगे बढ़कर 2025 में 99वें रैंक पर पहुंच गया है।
- 2025 की SDR रिपोर्ट में फिनलैंड पहले स्थान पर है।
- रिपोर्ट में बताया गया है कि SDGs को हासिल करने की रफ्तार धीमी हो रही है, क्योंकि कई जगहों पर संघर्ष या युद्ध चल रहे हैं, कई देशों में संरचनात्मक कमजोरियां अभी भी मौजूद हैं और उनके पास खर्च करने के लिए पर्याप्त पैसे (राजकोषीय संसाधन) नहीं हैं। इसके अलावा, अमीर देशों ने बहुपक्षीय विकास बैंकों को पूंजी उपलब्ध कराने में देर की है, जिससे SDGs को पूरा करने हेतु जरूरी मदद नहीं मिल पा रही है।