डिजिटल भुगतान सूचकांक (DPI)
पिछले 6 वित्तीय वर्षों में भारतीय डिजिटल भुगतान व्यवस्था में 65,000 करोड़ से अधिक डिजिटल लेनदेन हुए हैं, जिनका मूल्य लगभग 12,000 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।
डिजिटल भुगतान सूचकांक (DPI) के बारे में
- RBI ने DPI (जो आधिकारिक रूप से हर छमाही आधार पर प्रकाशित होता है) को भारत में डिजिटल भुगतान सुविधा को अपनाने में हुई प्रगति को मापने के लिए विकसित किया है।
- DPI में निम्नलिखित व्यापक पैरामीटर शामिल हैं: भुगतान सक्षमकर्ता; भुगतान अवसंरचना - मांग-पक्ष कारक और आपूर्ति-पक्ष कारक; भुगतान प्रदर्शन; उपभोक्ता केंद्रीयता।
- नवीनतम RBI-DPI के अनुसार, 2018 से अब तक डिजिटल भुगतान की पैठ में चार गुना वृद्धि हुई है।
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स्किल इम्पैक्ट बॉण्ड
कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री ने स्किल इम्पैक्ट बॉण्ड को मापनीय सामाजिक प्रभाव प्रदान करने वाला साधन बताया है।
स्किल इम्पैक्ट बॉण्ड के बारे में
- यह भारत में पहला डेवलपमेंट इम्पैक्ट बॉण्ड है जो कौशल प्रशिक्षण और नौकरी प्रदान करने के लिए समर्पित है।
- उद्देश्य: चार वर्षों में 50,000 युवा भारतीयों को लाभान्वित करना, जिसमें 60% लाभार्थी महिलाएं होंगी।
- शुरुआत: 2021 में।
- संबंधित मंत्रालय: राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के माध्यम से कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय।
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- कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय
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पेटेंट, डिजाइन और ट्रेडमार्क महानियंत्रक (CGPDTM)
पेटेंट कार्यालय (CGPDTM) ने कंप्यूटर से संबंधित आविष्कारों (CRIs) की जांच के लिए संशोधित दिशा-निर्देश 2025 जारी किए हैं।
CGPDTM के बारे में
- मंत्रालय: वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय (उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग, DPIIT)
- CGPDTM कार्यालय: मुंबई
- CGPDTM के कार्य:
- पेटेंट, डिज़ाइन, ट्रेडमार्क और भौगोलिक संकेत (GI) संबंधी कानूनों के क्रियान्वयन की निगरानी करता है।
- बौद्धिक संपदा अधिकारों (IPR) से संबंधित मामलों पर सरकार को सलाह देता है।
- सभी IP रजिस्ट्रियों और संबंधित संस्थानों के प्रशासनिक कार्यों की देखरेख करता है।
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- CGPDTM
- पेटेंट
- भौगोलिक संकेत (GI)
Articles Sources
ऑपरेशन महादेव
केंद्र सरकार ने लोक सभा में बताया कि पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार तीन पाकिस्तानी आतंकवादी ऑपरेशन महादेव में मारे गए हैं।
ऑपरेशन महादेव के बारे में
- यह भारतीय सेना, CRPF और जम्मू-कश्मीर पुलिस का एक संयुक्त आतंकवाद विरोधी मिशन है।
- उद्देश्य: लश्कर-ए-तैयबा जैसे पाकिस्तान-आधारित समूहों के समर्थन से कश्मीर घाटी में घुसपैठ करने वाले विदेशी आतंकवादियों का सफाया करना।
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- आतंकवाद
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प्रलय मिसाइल
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने ओडिशा तट पर प्रलय मिसाइल के लगातार दो सफल उड़ान परीक्षण किए।
प्रलय मिसाइल के बारे में:
- प्रलय एक सतह-से-सतह पर मार करने वाली कम दूरी की ठोस प्रणोदक क्वासी-बैलिस्टिक मिसाइल है, जो हाइपरसोनिक गति (मैक 5 से ऊपर) से उड़ान भर सकती है।
- क्वाज़ी-बैलिस्टिक मिसाइल्स ऐसी मिसाइल्स होती हैं जो कम ऊंचाई पर बैलिस्टिक मार्ग अपनाती हैं। ये उड़ान के दौरान जरूरत पड़ने पर दिशा और मार्ग बदल सकती हैं।
- स्वदेशी रूप से विकसित: इसे हैदराबाद स्थित DRDO की सुविधा रिसर्च सेंटर इमारत ने अन्य सुविधाओं के सहयोग से विकसित किया है।
- मारक क्षमता: 150 से 500 किमी।
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- प्रलय मिसाइल
- क्वाज़ी-बैलिस्टिक मिसाइल्स
काजीरंगा टाइगर रिजर्व (KTR)
काजीरंगा टाइगर रिजर्व में कर्नाटक के बांदीपुर और उत्तराखंड के कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान के बाद भारत में तीसरा सबसे अधिक बाघ घनत्व दर्ज किया गया है।
KTR के बारे में
- इसे 1974 में राष्ट्रीय उद्यान तथा 2006 में टाइगर रिजर्व घोषित किया गया था।
- 1985 में इसे यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।
- इसे बर्डलाइफ इंटरनेशनल द्वारा एक महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र के रूप में मान्यता दी गई है।
- स्थान: यह पूर्वी हिमालयी जैव विविधता हॉटस्पॉट क्षेत्र में आता है।
- यह ब्रह्मपुत्र नदी और कार्बी (मिकिर) पहाड़ियों के बीच स्थित है।
- जीव-जंतु: ग्रेटर एक-सींग वाला गैंडा ( इसकी जनसंख्या का 70%), हाथी, जंगली भैंस, दलदली हिरण, बाघ आदि।
- पक्षी: लेसर व्हाइट-फ्रंटेड गूज, फेरूजिनस डक, बाएर का पोचार्ड डक, लेसर एडजुटेंट और ग्रेटर एडजुटेंट आदि पक्षी सर्दियों में मध्य एशिया से प्रवास करते हैं।
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- काजीरंगा टाइगर रिजर्व (KTR)
- ग्रेटर एक-सींग वाला गैंडा
रातड़िया री ढेरी
राजस्थान के शुष्क (सूखे) क्षेत्र में पहली बार एक हड़प्पा सभ्यता की बस्ती मिली है, जो रातड़िया री ढेरी नामक स्थल पर स्थित है।
रातड़िया री ढेरी के बारे में:
- समय-अवधि: यह सिंधु घाटी सभ्यता के परिपक्व शहरी चरण (2600 से 1900 ईसा पूर्व) से संबंधित है।
- स्थान: यह लगभग 4,500 साल पुरानी बस्ती राजस्थान के जैसलमेर जिले में स्थित है।
- महत्त्व:
- यह खोज पुरातात्विक मानचित्र पर एक बड़ी कमी को पूरा करती है। यह उत्तरी राजस्थान और गुजरात में स्थित आद्य हड़प्पा स्थलों के बीच संबंध जोड़ती है।
राजस्थान में अन्य सिंधु घाटी बस्तियां:
- कालीबंगा: यह उत्तरी राजस्थान में स्थित है। इसे लगभग 2900 ईसा पूर्व एक योजनाबद्ध शहर के रूप में स्थापित किया गया था। इसकी खोज इटालियन इंडोलॉजिस्ट लुइगी पियो टेस्सीटोरी ने की थी।
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- हड़प्पा सभ्यता
- राजस्थान
- रातड़िया री ढेरी