रूस के कामचटका प्रायद्वीप में 8.8 तीव्रता का भूकंप आया है, जिससे प्रशांत महासागर में कुरिल द्वीप समूह के पास सुनामी की लहरें देखी गई।
सुनामी के बारे में
- सुनामी अत्यधिक लंबी तरंगों की एक श्रृंखला होती है, जो समुद्री जल के बड़े और अचानक विस्थापन के कारण बनती है। ऐसा आमतौर पर समुद्र नितल के नीचे या उसके पास आए भूकंप से होता है। उदाहरण के लिए- 2004 हिंद महासागर सुनामी।
- कारक: भूकंप, भूस्खलन, ज्वालामुखी विस्फोट, ग्लेशियर का टूटना, उल्कापिंड और पानी के भीतर होने वाले अन्य विस्फोट (परमाणु विस्फोट सहित)।
- सुनामी की घटनाएं प्रशांत रिंग ऑफ फायर क्षेत्र में अधिक देखी जाती हैं।
- रिंग ऑफ फायर प्रशांत महासागर के चारों ओर सक्रिय और निष्क्रिय ज्वालामुखियों की एक पट्टी है।
सुनामी तरंगों की विशेषताएं:
- वेवलेंथ: इनकी गति और वेवलेंथ मुख्य रूप से समुद्र की गहराई पर निर्भर करती है, स्रोत की दूरी पर नहीं।
- गहरे समुद्र में वेवलेंथ लगभग 200 किमी होती है और तट के पास जल के उथले होने के कारण यह 20 किमी से कम हो जाती है।
- तरंगों की ऊंचाई (आयाम): गहरे महासागरीय क्षेत्रों में जहाज इन्हें अनुभव नहीं कर पाते हैं, क्योंकि वहां इनकी ऊंचाई बहुत कम होती है।
- हालांकि, जैसे-जैसे यह तरंगे उथले पानी की ओर बढ़ती है, इनकी ऊंचाई बहुत बढ़ जाती है।
परिणाम:
- सामाजिक-आर्थिक: संपत्ति का विनाश, जीवन और आजीविका का नुकसान आदि।
- पर्यावरणीय: मैंग्रोव, प्रवाल भित्तियों व ज्वारनदमुख का विनाश। साथ ही मृदा और जल का प्रदूषण।
- अन्य: आवश्यक सेवाओं में बाधा, मनोवैज्ञानिक तनाव आदि।
सुनामी के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के दिशा-निर्देश
|