वित्त मंत्रालय ने बड़े जहाजों को 'अवसंरचना' का दर्जा प्रदान किया | Current Affairs | Vision IAS
मेनू
होम

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए प्रासंगिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विकास पर समय-समय पर तैयार किए गए लेख और अपडेट।

त्वरित लिंक

High-quality MCQs and Mains Answer Writing to sharpen skills and reinforce learning every day.

महत्वपूर्ण यूपीएससी विषयों पर डीप डाइव, मास्टर क्लासेस आदि जैसी पहलों के तहत व्याख्यात्मक और विषयगत अवधारणा-निर्माण वीडियो देखें।

करंट अफेयर्स कार्यक्रम

यूपीएससी की तैयारी के लिए हमारे सभी प्रमुख, आधार और उन्नत पाठ्यक्रमों का एक व्यापक अवलोकन।

ESC

In Summary

भारत ने बड़े जहाजों को बुनियादी ढांचे का दर्जा दिया है, जिसका उद्देश्य घरेलू जहाज निर्माण को बढ़ावा देना, विदेशी जहाजों पर निर्भरता कम करना और 2047 तक शीर्ष समुद्री विनिर्माण रैंकिंग हासिल करना है।

In Summary

वित्त मंत्रालय ने बड़े जहाजों को विनिर्माण क्षेत्रक की इंफ्रास्ट्रक्चर हार्मोनॉइज्ड मास्टर लिस्ट (HML) में 'ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक्स' श्रेणी के तहत शामिल किया। इसका उद्देश्य घरेलू जहाज निर्माण और समुद्री उद्योग को मज़बूत करना है।

  • एक बड़े जहाज को निम्नलिखित मानदंडों के तहत वाणिज्यिक जहाज घोषित किया जाता है:
    • 10,000 या उससे अधिक ग्रॉस टन (GT) भार वाले जहाज, जो भारतीय स्वामित्व और ध्वज के अधीन आते हों, या
    • 1,500 या उससे अधिक ग्रॉस टन (GT) भार वाले जहाज, जो भारत में बने हों और भारतीय स्वामित्व एवं ध्वज के अधीन आते हों।
  • HML में शामिल होने का महत्त्व: 
    • इससे बढ़ी हुई लिमिट के साथ आसान शर्तों पर अवसंरचना ऋण तक पहुंच मिलती है; 
    • बाह्य वाणिज्यिक उधार (ECB) के रूप में बड़ी मात्रा में धन तक पहुंच मिलती है;
    • व्यवहार्यता अंतराल वित्त-पोषण मिलता है;
    • कर प्रोत्साहन प्राप्त होते हैं आदि। 

भारत के पोत परिवहन क्षेत्रक की स्थिति

  • विदेशी निर्भरता: भारत का 95% व्यापार विदेशी जहाजों पर निर्भर है। इसके चलते भारत हर साल विदेशी पोत परिवहन कंपनियों को शिपिंग सेवाओं के लिए लगभग 75 बिलियन डॉलर का भुगतान करता है।
  • जहाज निर्माण में हिस्सेदारी: वर्तमान में, वैश्विक जहाज निर्माण में भारत की हिस्सेदारी केवल 0.06% है।
  • लक्ष्य: सरकार का लक्ष्य 2047 तक जहाज निर्माण करने वाले शीर्ष पांच देशों में शामिल होना है। मैरीटाइम अमृत काल विज़न 2047 के अनुसार, सरकार का अनुमान है कि 2047 तक स्वदेशी पोत परिवहन और जहाज निर्माण क्षमताओं के निर्माण में 54 ट्रिलियन डॉलर का निवेश होगा।
  • जहाजरानी क्षेत्रक की समस्याएं: उच्च उधार लागत के साथ पूंजी की कमी, पुराने जहाजों का बेड़ा, कर संबंधी विसंगतियां, कौशल की कमी, आदि।

पोत परिवहन क्षेत्रक को मजबूत करने से संबंधित पहलें

  • भारतीय पोत परिवहन निगम (SCI) के तहत भारत कंटेनर शिपिंग लाइन की स्थापना की गई है।
  • कोस्टल ग्रीन शिपिंग कॉरिडोर की स्थापना की गई है। इसमें कांडला-तूतीकोरिन कॉरिडोर को सबसे पहले विकसित किया जाएगा।
  • मैरीटाइम इनोवेशन हब्स (MIHs) की स्थापना के साथ-साथ सागरमाला स्टार्ट-अप और इनोवेशन पहल (S2I2) लॉन्च की गई है।
Watch Video News Today
Title is required. Maximum 500 characters.

Search Notes

Filter Notes

Loading your notes...
Searching your notes...
Loading more notes...
You've reached the end of your notes

No notes yet

Create your first note to get started.

No notes found

Try adjusting your search criteria or clear the search.

Saving...
Saved

Please select a subject.

Referenced Articles

linked

No references added yet

Subscribe for Premium Features