हाल ही में, यूनाइटेड किंगडम के प्रधान मंत्री की भारत यात्रा के दौरान एक संयुक्त वक्तव्य जारी किया गया। इसमें कई महत्वपूर्ण क्षेत्रकों के संबंध में समझौते किए गए हैं। इनमें आर्थिक संवृद्धि को मजबूत करना, रक्षा व सुरक्षा सहयोग का विस्तार करना आदि शामिल हैं।
भारत-यूनाइटेड किंगडम संयुक्त वक्तव्य पर एक नजर
- प्रौद्योगिकी और नवाचार: प्रौद्योगिकी सुरक्षा पहल (TSI) के आधार पर, दोनों देशों ने विविध संस्थाओं का स्वागत किया, जैसे – इंडिया-यूके कनेक्टिविटी एंड इनोवेशन सेंटर, यूके-इंडिया क्रिटिकल मिनरल्स सप्लाई चेन ऑब्जर्वेटरी, यूके-इंडिया क्रिटिकल मिनरल्स प्रोसेसिंग एंड डाउनस्ट्रीम कोलैबोरेशन गिल्ड आदि।
- संवृद्धि, व्यापार और निवेश: भारत–यूनाइटेड किंगडम व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (CETA) को जल्द-से-जल्द अनुमोदित करने पर सहमति बनी।
- रक्षा और सुरक्षा: दोनों देशों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने का वादा किया। इसके तहत इंडो-पैसिफिक ओशंस इनिशिएटिव के अंतर्गत रीजनल मैरीटाइम सिक्योरिटी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (RMSCE) की स्थापना की जाएगी।
- साथ ही, भारत की वायु रक्षा क्षमता को बढ़ाने के लिए लाइटवेट मल्टीरोल मिसाइल (LMM) प्रणालियों की प्रारंभिक आपूर्ति के लिए G2G (सरकार-से-सरकार) रूट के तहत समझौता किया गया।
- जलवायु, ऊर्जा, स्वास्थ्य और अनुसंधान: क्लाइमेट टेक स्टार्ट-अप फंड के लिए नए संयुक्त निवेश की घोषणा की गई। यह यूनाइटेड किंगडम की सरकार और भारतीय स्टेट बैंक के बीच हुए समझौता ज्ञापन (MoU) के तहत एक रणनीतिक पहल है।
- शिक्षा, संस्कृति और लोगों के मध्य सहयोग: बेलफास्ट की क्वींस यूनिवर्सिटी और कोवेंट्री यूनिवर्सिटी को GIFT सिटी में अपना कैम्पस शुरू की अनुमति दी गई।
- क्षेत्रीय और बहुपक्षीय सहयोग: दोनों देश वर्तमान विश्व व्यवस्था के अनुकूल बहुपक्षवाद को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करेंगे। इसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सुधार भी शामिल है। साथ ही, यूनाइटेड किंगडम ने भारत की UNSC में स्थायी सदस्यता की वैध आकांक्षाओं के प्रति अपने दीर्घकालिक समर्थन को भी दोहराया।