ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ORS)
हाल ही में, भारतीय खाद्य संरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत एक आदेश जारी किया है। इस आदेश द्वारा उन सभी पेय पदार्थों पर ORS शब्द का उपयोग करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानकों का पालन नहीं करते हैं।
ORS के बारे में
- ORS नमक और चीनी का एक घोल है, जिसे स्वच्छ पानी में घोलकर पिया जाता है। यह तेज दस्त, लू या किसी भी अन्य बीमारी से होने वाले निर्जलीकरण के इलाज में उपयोगी होता है।
- ORS का निर्धारित फार्मूला (WHO और यूनिसेफ द्वारा स्वीकृत):
- सोडियम क्लोराइड: 2.6 ग्राम/लीटर
- ग्लूकोज, ऐन्हाइड्रस: 13.5 ग्राम/लीटर
- पोटेशियम क्लोराइड: 1.5 ग्राम/लीटर
- ट्राइस सोडियम साइट्रेट, डाइहाइड्रेट: 2.9 ग्राम/लीटर
- इसे सबसे पहले 1971 में भारतीय पब्लिक हेल्थ विशेषज्ञ दिलीप महालनोबिस द्वारा विकसित किया गया था।
- Tags :
- Food Safety and Standards Act, 2006
- ORS (Oral Rehydration Solution)
सस्टेनेबल फ्यूल पर IEA की रिपोर्ट
अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) की रिपोर्ट ‘डेलीवेरिंग सस्टेनेबल फ्यूल: पाथवेज टू 2035’ ने विद्युतीकरण के साथ सस्टेनेबल फ्यूल्स की भूमिका को रेखांकित किया है, जो जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता को कम करने में सहायक है।
- सस्टेनेबल फ्यूल्स यानी सतत ईंधनों में शामिल हैं: जैव ईंधन, बायोगैस, कम-उत्सर्जन वाला हाइड्रोजन ईंधन और हाइड्रोजन-आधारित ईंधन।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर
- 2035 तक वैश्विक स्तर पर सस्टेनेबल फ्यूल्स का उपयोग चार गुना बढ़ सकता है।
- 2024 में सस्टेनेबल फ्यूल्स की आपूर्ति की वजह से वैश्विक तेल की मांग में लगभग 25 लाख बैरल प्रतिदिन की कमी आई।
- स्वच्छ ऊर्जा अपनाने हेतु IEA ने निम्नलिखित 6 प्राथमिक कार्यों की पहचान की है:
- भौगोलिक क्षेत्र-विशेष के लिए रोडमैप और नीतियां तैयार करना।
- निजी क्षेत्र से निवेश आकर्षित करने के लिए ऐसे ईंधनों की मांग के पूर्वानुमान में सुधार करना।
- पारदर्शी कार्बन अकाउंटिंग पद्धतियाँ विकसित करना।
- लागत में कमी के लिए इनोवेशन को बढ़ावा देना।
- एकीकृत आपूर्ति श्रृंखला और अवसंरचना विकसित करना।
- वित्तपोषण प्राप्ति में सुधार करना।
- Tags :
- IEA Report on Sustainable Fuels
- International Energy Agency (IEA) report
- ‘Delivering Sustainable Fuels: Pathways to 2035’
बाथौ (Bathou) धर्म
असम के बोडो समुदाय के बाथौ धर्म को आगामी जनगणना में अलग कोड प्रदान किया गया है।
बाथौ धर्म या बाथौवाद के बारे में
- यह बोडो समुदाय का पारंपरिक धर्म है। बोडो मुख्य रूप से असम और उत्तरी बंगाल का देशज समुदाय है।
- बाथौ का अर्थ है 'पांच सिद्धांत': यह इस विश्वास पर आधारित है कि दुनिया 5 तत्वों (पंचभूत के समान) से बनी है, जिनके नाम हैं: हा (पृथ्वी), द्वि (जल), ओर (अग्नि), बार (वायु) और ओखरांग (आकाश)।
- यह धर्म प्रकृति का सम्मान करने और इनमें संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता पर बल देता है।
- बाथौ धर्म में परम सत्ता की उपासना बाथौ ब्वाराय के रूप में की जाती है, जिन्हें सिब्वाराय, सियू ब्वाराय, जियू ब्वाराय और नुआथारी भी कहा जाता है।
- बाथौ ब्वाराय को सिजू पौधे द्वारा प्रतीकात्मक रूप से दर्शाया जाता है।
- Tags :
- Census
- Bathou Religion
संयुक्त राष्ट्र-खाद्य और कृषि संगठन (FAO)
FAO ने 16 अक्टूबर को विश्व खाद्य दिवस 2025 के अवसर पर भारत के साथ अपनी 80 वर्षों की साझेदारी को रेखांकित किया।
संयुक्त राष्ट्र-खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के बारे में
- मुख्यालय: रोम (इटली)
- स्थापना वर्ष: 1945
- स्वरूप: यह संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है। यह भुखमरी समाप्त करने और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयासों का नेतृत्व करती है।
- सदस्य: 195 सदस्य (194 देश और यूरोपीय संघ)
- FAO द्वारा प्रकाशित प्रमुख रिपोर्ट्स:
- द स्टेट ऑफ द वर्ल्डस फॉरेस्ट्स,
- विश्व में खाद्य सुरक्षा और पोषण की स्थिति,
- कृषि और खाद्य क्षेत्र की स्थिति।
- Tags :
- Food and Agriculture Organisation (FAO)
Articles Sources
'वी राइज' पहल
हाल ही में ‘वी राइज (We Rise)’ पहल शुरू की गई।
- We Rise से आशय है; वीमेन इंटरप्रेन्योर रीइमेजिनिंग इंक्लूसिव सस्टेनेबल एंटरप्राइजेज।
वी राइज पहल के बारे में
- नीति आयोग के महिला उद्यमिता मंच (WEP) ने DP वर्ल्ड के साथ मिलकर अपने अवार्ड टू रिवॉर्ड (ATR) पहल के तहत इसे शुरू किया है।
- उद्देश्य: इस पहल का उद्देश्य महिला उद्यमियों और महिलाओं द्वारा संचालित सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को वैश्विक स्तर पर अपने व्यवसाय का विस्तार करने में मदद करना है।
- इसके लिए उन्हें व्यापार सुविधाएं, मेंटरशिप और रणनीतिक साझेदारियाँ प्रदान की जाएंगी।
- Tags :
- 'We Rise' Initiative
Articles Sources
रोटावायरस वैक्सीन
हाल के एक अध्ययन में, स्वदेशी रोटावायरस वैक्सीन 'रोटावैक' की प्रभावशीलता क्लीनिकल ट्रायल में इसकी दक्षता के समान पाई गई है।
- रोटावैक ओरल, लाइव एटेनुएटेड (जीवित लेकिन क्षीण वायरस), मोनोवैलेंट लिक्विड वैक्सीन है। यह रोटावायरस से सुरक्षा प्रदान करती है।
- इसे भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग, भारत बायोटेक, यू.एस. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ आदि के बीच सार्वजनिक-निजी भागीदारी के रूप में विकसित किया गया है।
रोटावायरस के बारे में
- यह वायरल रोग है जो आमतौर पर बच्चों में डायरिया का कारण बनता है।
- इस संक्रमण से बचाव के लिए कोई विशेष दवा उपलब्ध नहीं है। इससे बचाव के लिए टीकाकरण ही सबसे प्रभावी उपाय है।
- Tags :
- Rotavirus Vaccine