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DTAB ने 16 फिक्स्ड-डोज़ कॉम्बिनेशंस दवाइयों पर प्रतिबंध की सिफारिश करने वाली उप-समिति की रिपोर्ट को मंजूरी दी | Current Affairs | Vision IAS
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DTAB ने 16 फिक्स्ड-डोज़ कॉम्बिनेशंस दवाइयों पर प्रतिबंध की सिफारिश करने वाली उप-समिति की रिपोर्ट को मंजूरी दी

Posted 16 May 2025

13 min read

ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड (DTAB) ने एक उप-समिति की उस रिपोर्ट को मंजूरी दी है जिसमें 16 फिक्स्ड-डोज़ कॉम्बिनेशंस (FDCs) दवाइयों पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की गई है। इन दवाइयों को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताया गया है।

  • DTAB की स्थापना केंद्र सरकार द्वारा औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 के तहत की गई है। यह बोर्ड केंद्र और राज्य सरकार को दवाइयों एवं कॉस्मेटिक उत्पादों से संबंधित विषयों पर सलाह देता है।

फिक्स्ड-डोज़ कॉम्बिनेशंस (FDCs) क्या हैं?

  • फिक्स्ड-डोज़ कॉम्बिनेशंस वास्तव में कैप्सूल या टैबलेट की एक ही खुराक में दो या अधिक दवाइयों के गुण या सक्रिय औषध सामग्रियों (APIs) का शामिल होना है।
    • APIs रासायनिक यौगिक हैं, जो बीमारी के इलाज में वांछित प्रभाव उत्पन्न करता है। 
  • ये उन रोगियों के लिए बनाई जाती हैं, जिन्हें टीबी या डायबिटीज जैसी विविध बीमारियां होती हैं, तथा उन्हें नियमित रूप से अलग-अलग कई दवाइयां खानी होती हैं।
  • फिक्स्ड-डोज़ कॉम्बिनेशंस से रोगियों को प्रतिदिन दवा की कम गोलियां लेनी पड़ती है, इससे मरीज भी नियमित रूप से दवाई लेता रहता है।

फिक्स्ड-डोज़ कॉम्बिनेशंस (FDCs) पर प्रतिबंध क्यों लगाया जा रहा है?

  • समुचित क्लिनिकल परीक्षण नहीं किया जाना: कई प्रतिबंधित फिक्स्ड-डोज़ कॉम्बिनेशंस को अधिक क्लिनिकल ट्रायल के बिना ही मंजूरी दी गई थी। कॉम्बिनेशन में से किसी एक दवा को पहले मंजूरी दी गई थी, इसी आधार पर पूरे कॉम्बिनेशन को मंजूरी दे दी गई।
    • औषधि एवं क्लिनिकल परीक्षण नियमावली, 2019 के अनुसार, फिक्स्ड-डोज़ कॉम्बिनेशंस को नई दवा माना जाना चाहिए और उन्हें केंद्रीय औषधि विनियामक से मंजूरी लेनी चाहिए।
  • अनावश्यक उपयोग: कुछ फिक्स्ड-डोज़ कॉम्बिनेशंस में ऐसी सामग्रियां शामिल होती हैं, जो सभी मरीजों के लिए लेना आवश्यक नहीं हैं।
  • एंटीबायोटिक-प्रतिरोध: एंटीबायोटिक फिक्स्ड-डोज़ कॉम्बिनेशंस का अत्यधिक उपयोग संक्रमणों का इलाज मुश्किल बना देता है। ऐसा इस कारण, क्योंकि बैक्टीरिया इन दवाइयों के खिलाफ प्रतिरोधकता विकसित कर लेते हैं और उन पर ये दवाइयां असर नहीं करती हैं।
    • 2023 के एक अध्ययन के अनुसार, भारत में एंटीबायोटिक फिक्स्ड-डोज़ कॉम्बिनेशंस की बिक्री 2008 के 32.9% से बढ़कर 2020 में 37.3% हो गई। यह वृद्धि तब दर्ज की गई जब कई फिक्स्ड-डोज़ कॉम्बिनेशंस पर प्रतिबंध लगाए गए थे।  
  • मूल्य नियंत्रण से बचने का तरीका: दवा कंपनियां आवश्यक दवाइयों पर सरकारी मूल्य नियंत्रण से बचने के लिए कई फिक्स्ड-डोज़ कॉम्बिनेशंस को नई कॉम्बिनेशन दवा बताती हैं। इस तरह वे मूल्य नियंत्रण से बच जाती हैं। 
  • Tags :
  • APIs
  • DTAB
  • FDCs
  • औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940
  • ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड
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