यह योजना नीति आयोग के आकांक्षी जिला कार्यक्रम (ADP) से प्रेरित है। साथ ही, यह विशेष रूप से कृषि और संबद्ध क्षेत्रकों पर केंद्रित अपनी तरह का पहला कार्यक्रम भी है।
- आकांक्षी जिला कार्यक्रम (ADP) को 2018 में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य देश के 112 सबसे पिछड़े जिलों में तेजी से और प्रभावी ढंग से बदलाव लाना है।
इस योजना की मुख्य विशेषताओं पर एक नजर
- अवधि: 6 वर्ष (2025-26 से प्रारंभ)।
- कवरेज: 100 जिलों को लक्षित किया गया है।
- फोकस क्षेत्रक: इसे विशेष रूप से कम प्रदर्शन करने वाले जिलों में कृषि और संबद्ध क्षेत्रकों में सुधार लाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- इसे लागू करने संबंधी रणनीति:
- समन्वय: योजना का क्रियान्वयन 11 विभागों की 36 मौजूदा योजनाओं, राज्यों की अन्य योजनाओं और निजी क्षेत्र की स्थानीय भागीदारी में किया जाएगा।
- जिलों का चयन: यह निम्न उत्पादकता, कम फसल सघनता और कम ऋण वितरण के आधार पर किया जाएगा।
- इसके तहत प्रत्येक राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश में जिलों की संख्या निवल फसल क्षेत्र और परिचालन जोत के हिस्से पर आधारित होगी।
- हालांकि, प्रत्येक राज्य से कम-से-कम 1 जिले का चयन किया जाएगा।

गवर्नेंस और निगरानी
- इसके तहत प्रभावी योजना निर्माण, कार्यान्वयन और निगरानी के लिए जिला, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर समितियां गठित की जाएंगी।
- प्रत्येक जिले में जिला धन-धान्य समिति द्वारा विकसित एक समर्पित योजना होगी, जिसमें प्रगतिशील किसान शामिल होंगे।
- जिला योजनाएं निम्नलिखित राष्ट्रीय लक्ष्यों के अनुरूप होंगी:
- फसल विविधीकरण, जल एवं मृदा संरक्षण, कृषि में आत्मनिर्भरता तथा
- प्राकृतिक एवं जैविक खेती का विस्तार करना।
- जिला योजनाएं निम्नलिखित राष्ट्रीय लक्ष्यों के अनुरूप होंगी:
- निगरानी:
- प्रत्येक धन-धान्य जिले में योजना की प्रगति की निगरानी 117 प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों के आधार पर की जाएगी।
- नीति आयोग जिला योजनाओं की समीक्षा और मार्गदर्शन करेगा।