इस बैठक में, भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में तत्काल सुधार पर जोर दिया;
- वैश्विक शांति और समृद्धि के लिए एकजुट कार्रवाई का आह्वान किया; तथा
- सुरक्षित, विश्वसनीय और मानव-केंद्रित AI मानदंडों को आकार देने में IBSA की संभावित भूमिका को भी रेखांकित किया।
बैठक में भारत द्वारा प्रस्तुत प्रमुख प्रस्ताव
- संवाद को संस्थागत बनाना: सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने के लिए IBSA देशों के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के स्तर पर संवाद को संस्थागत बनाने का प्रस्ताव।
- IBSA डिजिटल नवाचार गठबंधन: तीनों राष्ट्रों के बीच डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) को साझा करने के लिए प्रस्तावित। जैसे- UPI, कोविन (CoWIN)-जैसे स्वास्थ्य प्लेटफॉर्म, साइबर सुरक्षा फ़्रेमवर्क्स, और महिलाओं के नेतृत्व वाली तकनीकी पहलें।
- जलवायु समुत्थानशीलता (Resilience) कोष: जलवायु अनुकूल कृषि के लिए IBSA कोष स्थापित करने का प्रस्ताव।
IBSA मंच के बारे में
- स्थापना: इसे 2003 में ब्रासीलिया घोषणा के माध्यम से स्थापित किया गया था। इसे IBSA संवाद मंच नाम दिया गया था।
- सदस्य: भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका। ये तीन महाद्वीपों में फैले ग्लोबल साउथ के तीन प्रमुख लोकतंत्र हैं।
- उद्देश्य: एक नई अंतर्राष्ट्रीय संरचना के निर्माण में योगदान देना और वैश्विक मुद्दों पर अपनी अभिव्यक्तिओं को एक साथ लाना।
- IBSA में निम्नलिखित तीन मोर्चों पर सहयोग होता है:
- वैश्विक और क्षेत्रीय राजनीतिक मुद्दों पर परामर्श व समन्वय के लिए एक मंच;
- कार्य समूहों और जन केंद्रित मंचों (People-to-People Forums) के माध्यम से ठोस क्षेत्रों/ परियोजनाओं पर त्रिपक्षीय सहयोग।
- IBSA कोष के माध्यम से अन्य विकासशील देशों में परियोजनाएं शुरू करके उनकी सहायता करना।
- प्रमुख पहलें
- IBSA ट्रस्ट फंड (2004 से कार्यरत): इसने अल्प विकसित देशों (LDCs) के लिए धनराशि आवंटित की है।
- संयुक्त राष्ट्र दक्षिण-दक्षिण सहयोग कार्यालय (UNOSSC): यह IBSA कोष का निधि प्रबंधक और सचिवालय है।
- IBSAMAR: यह भारतीय, ब्राजीलियाई और दक्षिण अफ्रीकी नौसेनाओं के बीच एक संयुक्त बहुराष्ट्रीय समुद्री अभ्यास है।
- IBSA ट्रस्ट फंड (2004 से कार्यरत): इसने अल्प विकसित देशों (LDCs) के लिए धनराशि आवंटित की है।