इस शिखर सम्मेलन की थीम थी: "समावेशी और सतत गवर्नेंस के लिए ग्लोबल साउथ के बीच सहयोग को मजबूत बनाना।"
शिखर सम्मेलन के मुख्य परिणामों पर एक नजर:
- “ब्रिक्स लीडर्स फ्रेमवर्क डिक्लेरेशन ऑन क्लाइमेट फाइनेंस” को अपनाया गया: इसका उद्देश्य विकासशील देशों के लिए जलवायु वित्त को सुलभ, समय पर और किफायती बनाना है, ताकि वे न्यायसंगत तरीके से हरित विकास की ओर बढ़ सकें।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के ग्लोबल गवर्नेंस पर ब्रिक्स नेताओं का बयान जारी किया गया: इसका उद्देश्य AI तकनीकों के जिम्मेदार विकास, परिनियोजन और उपयोग को बढ़ावा देना है, जो हर देश के नियम-कानूनों एवं संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुरूप हो।
- सामाजिक कारणों से होने वाली बीमारियों को खत्म करने के लिए ब्रिक्स साझेदारी शुरू की गई: इसका उद्देश्य गरीबी और सामाजिक वंचनाओं जैसी स्वास्थ्य असमानताओं के मूल कारणों से निपटने पर ध्यान केंद्रित करना है।
- अन्य परिणाम:
- बहुपक्षवाद के लिए समर्थन को दोहराया गया और ग्लोबल साउथ की अभिव्यक्ति को मज़बूत करने के लिए ब्रेटन वुड्स संस्थाओं (जैसे IMF व विश्व बैंक) में सुधार की मांग की गई।
- संयुक्त राष्ट्र प्रणाली में फिर से सुधारों का आह्वान किया गया। इन सुधारों में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत और ब्राज़ील की भूमिका बढ़ाने का समर्थन किया गया।
- आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा की गई, जिसमें जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी हमला भी शामिल है।
- पूरे अफ्रीका महाद्वीप में संघर्ष समाधान के लिए "अफ्रीकी समस्याओं के लिए अफ्रीकी समाधान" के सिद्धांत पर बल दिया गया (जैसे – सूडान, हॉर्न ऑफ अफ्रीका आदि)।
- परमाणु हथियार-मुक्त क्षेत्रों के योगदानों को सराहा गया, जिससे परमाणु प्रसार को रोकने में मदद मिलेगी।
- भारत द्वारा 2028 में UNFCCC के COP-33 सम्मेलन की मेज़बानी करने के प्रस्ताव का समर्थन किया गया।
संबंधित सुर्ख़ियांन्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने कोलंबिया और उज्बेकिस्तान को आधिकारिक रूप से बैंक के उधार लेने वाले सदस्यों (Borrowing Members) के रूप में शामिल कर लिया है। NDB के बारे में:
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