कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने प्रमुख डिजिटल एवं क्षमता-निर्माण पहलें आरंभ की हैं। ये पहलें डिजिटल गवर्नेंस तथा क्षमता निर्माण पर सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।
iGOT कर्मयोगी पोर्टल की नई विशेषताएं
- iGOT AI सारथी: यह प्रासंगिक शिक्षण संसाधनों की बुद्धिमत्तापूर्वक खोज करने के लिए एक सहायक उपकरण है।
- iGOT AI ट्यूटर: यह कोर्स के दौरान व्यक्तिगत सहायता प्रदान करने वाला डिजिटल ट्यूटर है।
- कर्मयोगी डिजिटल लर्निंग लैब 2.0: यह एक अगली पीढ़ी की सुविधा है। इसे उच्च गुणवत्ता वाली डिजिटल शिक्षण सामग्री तैयार करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसके लिए यह ऑगमेंटेड रियलिटी (AR), वर्चुअल रियलिटी (VR), गेमीफिकेशन और इंटरैक्टिव सिमुलेशन का उपयोग करेगी।
नागरिक-केंद्रित प्रशासन में डिजिटलीकरण की भूमिका
- लोक प्रशासन का कायाकल्प: डिजिटलीकरण कठोर व कागज-आधारित नौकरशाही को चुस्त और तकनीक-संचालित शासन प्रणालियों से बदल देता है। इससे निर्णय लेने की प्रक्रिया तेज हो जाती है।
- सेवा वितरण में सुधार: ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स सार्वजनिक सेवाओं तक 'कभी भी-कहीं भी' पहुंच प्रदान करते हैं। इससे विलंब, कार्यालयों के चक्कर और प्रक्रियात्मक जटिलता कम होती है।
- नागरिक सहभागिता और भागीदारी को मजबूत करना: डिजिटल उपकरण फीडबैक पोर्टल, परामर्श और शिकायत प्रणालियों के माध्यम से दो-तरफा अंतर्क्रिया को सक्षम बनाते हैं।
- नागरिक-केंद्रित डिजिटल सेवाएं मोबाइल एक्सेस, रियल-टाइम अपडेट और वैयक्तिकरण (personalization) के माध्यम से निजी क्षेत्रक जैसी दक्षता प्रदान करती हैं।
- जवाबदेही और विश्वास को बढ़ावा: डिजिटलीकरण ट्रैक करने योग्य डिजिटल रिकॉर्ड तथा ऑडिट ट्रेल निर्मित करता है। इससे अधिकारियों के मनमाने निर्णयों और भ्रष्टाचार में कमी आती है।
- प्रशासनिक दक्षता में सुधार और लागत में कमी: नियमित कार्यों के स्वचालन (Automation) से नौकरशाही द्वारा विलंब, मानवीय त्रुटियों तथा परिचालन संबंधी व्ययों में कमी आती है।
- डेटा-संचालित शासन: डिजिटल प्रणालियां कार्रवाई योग्य डेटा उत्पन्न करती हैं, जो साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण का समर्थन करते हैं।