नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने ‘प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY)’ में कमियों को रेखांकित किया | Current Affairs | Vision IAS
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  • पीएमकेवीवाई (2015-22) के सीएजी ऑडिट में स्किल इंडिया पोर्टल पर कौशल अंतर संबंधी विसंगतियां, धन का कम उपयोग और डेटा अखंडता संबंधी समस्याएं पाई गईं।
  • सीएजी ने फर्जी एजेंसियों द्वारा प्रमाणपत्र जारी किए जाने, कम नियुक्ति दर (41%) और प्रमाणित उम्मीदवारों के बीच शैक्षिक कमियों पर ध्यान दिया।
  • सीएजी ने प्रशिक्षण को बाजार की मांग के अनुरूप बनाने, पीएमकेवीवाई प्रक्रियाओं को मजबूत करने, आईटी नियंत्रणों को लागू करने और निगरानी तंत्र में सुधार करने की सिफारिश की।

In Summary

CAG की लेखा-परीक्षा रिपोर्ट में 2015–22 की अवधि के दौरान PMKVY के प्रथम तीन चरणों के क्रियान्वयन का मूल्यांकन किया गया है। इस रिपोर्ट में योजना के संचालन और वित्तीय चुनौतियों से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों को रेखांकित किया गया है। 

CAG की लेखा-परीक्षा रिपोर्ट द्वारा रेखांकित प्रमुख कमियां

  • कौशल प्रशिक्षण और रोजगार के लिए आवश्यक कौशल में विसंगतियां: राष्ट्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता नीति (NPSDE) में चिह्नित कौशल आवश्यकताओं के अनुसार कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित नहीं किए जा रहे हैं।   
  • आवंटित धनराशि का पूरा उपयोग नहीं किया जा रहा है: मार्च 2024 तक योजना के राज्य घटकों के तहत जारी लगभग 20% धनराशि अप्रयुक्त रही।    
  • डेटा में शुचिता की कमी: स्किल इंडिया पोर्टल (SIP) में गंभीर खामियां पाई गईं। इस पोर्टल पर दर्ज लगभग 95% अभ्यर्थियों की जानकारी (ईमेल आईडी, बैंक खाता आदि) अमान्य या अनुपलब्ध थी।  
  • तकनीकी योग्यता से संबंधित खामियां: जिन कार्यों के लिए ‘तकनीकी शिक्षा पृष्ठभूमि’ आवश्यक पात्रता थी, उनमें सत्यापित 85.40% अभ्यर्थियों के पास केवल मूलभूत साक्षरता स्तर का ही ज्ञान पाया गया।
  • फर्जी एजेंसियां: ऐसी एजेंसियों के माध्यम से कौशल प्रमाण पत्र दिए गए जो या तो अस्तित्व में नहीं थीं या प्रमाण पत्र देने के लिए पात्र नहीं थीं। 
  • अन्य कमियां
    • कम प्लेसमेंट दर: प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले केवल 41% अभ्यर्थियों को रोजगार मिला, 
    • डुप्लीकेट रिकॉर्ड: कई अभ्यर्थियों के एक ही बैंक खाते या समान फोटोग्राफ पाए गए, 
    • पात्रता मानदंडों का अनुपालन नहीं किया गया, 
    • केंद्र और राज्य सरकारों में समन्वय की कमी रही, आदि।   

CAG की सिफारिशें

  • बाजार की मांग को ध्यान में रखते हुए विभिन्न क्षेत्रकों और राज्यों में रोजगार हेतु पहचाने गए कौशल का प्रशिक्षण प्रदान करना चाहिए। 
  • परिकल्पित राष्ट्रीय कौशल विकास योजना (NSDP) की तैयारी में तेजी लाकर PMKVY की प्रक्रियाओं को मजबूत करना चाहिए। 
  • PMKVY 4.0 के अंतर्गत सूचना-प्रौद्योगिकी (IT) के द्वारा प्रशिक्षण की सख्त निगरानी की नीति का अनुपालन करना चाहिए। साथ ही, पोर्टल पर डेटा दीर्घकाल तक सुरक्षित रखना चाहिए। 
  • निगरानी तंत्र को मजबूत करना चाहिए और प्रशिक्षण की वैधता के सत्यापन के निर्देशों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए।     
  • एकीकृत जिला शिक्षा सूचना प्रणाली (UDISE) के डेटा को PMKVY के साथ एकीकृत करने की प्रक्रिया में तेजी लानी चाहिए।

प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) के बारे में

  • प्रारंभ: वर्ष 2015 में केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) द्वारा।
  • उद्देश्य: देशभर के युवाओं (ग्रामीण क्षेत्रों सहित) को अल्पकालिक कौशल प्रशिक्षण तथा पूर्व-शिक्षण की मान्यता (Recognition of Prior Learning) के माध्यम से बेहतर कौशल (अप-स्किलिंग)/ पुनः कौशल (री-स्किलिंग) प्रशिक्षण प्रदान करना।
  • योजना के विभिन्न चरण:
    • PMKVY 1.0: 2015–16 (पायलट चरण)।
    • PMKVY 2.0: 1.10 करोड़ अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण।
    • PMKVY 3.0: दो विशेष कार्यक्रम—कोविड वॉरियर्स के लिए अनुकूल क्रैश कोर्स और स्किल हब इनिशिएटिव (SHI)
    • PMKVY 4.0: यह चरण उद्योग 4.0, वेब 3.0, ऑगमेंटेड रियलिटी / वर्चुअल रियलिटी (AR/VR), जलवायु परिवर्तन, चक्रीय (सर्कुलर) अर्थव्यवस्था, हरित अर्थव्यवस्था जैसे नए युग के कौशलों के प्रशिक्षण पर ध्यान देता है।
  • उपलब्धि: 2015 से अब तक PMKVY के अंतर्गत 1.6 करोड़ से अधिक युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। इनमें लगभग 45% महिलाएं हैं।
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Re-skilling

The process of learning new skills to transition to a different job or career, often necessitated by technological advancements or industry shifts.

Up-skilling

The process of learning new skills or enhancing existing ones to improve job performance or adapt to changing job requirements, often to move into more advanced roles.

RPL

Recognition of Prior Learning. A process of assessing an individual's existing skills and knowledge acquired through formal or informal learning and work experience, which can then be formally recognized through certification.

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