अपनी शुरुआत से लेकर अब तक, PMGSY के तहत कुल 8,25,114 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों को मंजूरी दी गई है। इनमें से लगभग 7,87,520 किलोमीटर सड़कों का निर्माण पूरा हो चुका है। यह दिसंबर 2025 तक लगभग 95 प्रतिशत भौतिक प्रगति को दर्शाता है।

PMGSY के बारे में:
- मंत्रालय: ग्रामीण विकास मंत्रालय।
- प्रकार: दिसंबर 2000 में 'केंद्र प्रायोजित योजना' (Centrally Sponsored Scheme) के रूप में शुरू की गई थी।
- उद्देश्य: गरीबी उन्मूलन की रणनीति के रूप में राज्यों के ग्रामीण क्षेत्रों में सभी पात्र असंबद्ध बस्तियों को हर मौसम में प्रयोग में लाए जाने योग्य सड़क कनेक्टिविटी प्रदान करना।
- इन सड़कों के संरेखण के साथ पुलों का निर्माण और आधुनिकीकरण भी किया जाएगा।
- PMGSY-IV के लिए जनसंख्या मानदंड: जनगणना 2011 के अनुसार-
- मैदानी क्षेत्रों में 500 या उससे अधिक की आबादी;
- पूर्वोत्तर, हिमालयी राज्यों/ संघ राज्य क्षेत्रों और विशेष श्रेणी के राज्यों में 250 व उससे अधिक की आबादी; तथा
- वामपंथी उग्रवाद (LWE) से प्रभावित जिलों में 100 से अधिक आबादी।
- वामपंथी उग्रवाद (LWE) से प्रभावित क्षेत्रों के लिए सड़क संपर्क परियोजना: LWE से प्रभावित जिलों में ग्रामीण सड़क संपर्क सुधारने के लिए 2016 में शुरू की गई।
- यह परियोजना PMGSY के तहत एक 'घटक' के रूप में कार्यान्वित की जाएगी।
- PMGSY के चरण:
- चरण-I: इसे वर्ष 2000 में शुरू किया गया था। इसने गांवों को बाजारों, शैक्षणिक संस्थाओं और स्वास्थ्य सुविधाओं से जोड़कर सार्वभौमिक ग्रामीण पहुंच की नींव रखी।
- चरण-II: इसे वर्ष 2013 में शुरू किया गया। इसका मुख्य ध्यान मौजूदा ग्रामीण सड़क नेटवर्क को मजबूत करने पर था।
- चरण-III: इसे वर्ष 2019 में आरंभ किया गया था। यह ग्रामीण बस्तियों और प्रमुख सामाजिक-आर्थिक संस्थाओं के बीच संपर्क को मजबूत करने पर केंद्रित है।
- PMGSY-IV (2024–28): इसके तहत 62,500 किलोमीटर सड़क निर्माण के माध्यम से 25,000 बस्तियों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।