कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (MSDE) ने भारत में कौशल विकास को प्रोत्साहित करने व बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2015 में PMKVY की शुरुआत की थी।
प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) के बारे में
- वर्तमान में, यह योजना अपने चौथे चरण (PMKVY-4.0) में है। इसे दो अन्य घटकों के साथ स्किल इंडिया कार्यक्रम की केंद्रीय क्षेत्रक की योजना का एक प्रमुख घटक बनाया गया है। PMKVY के दो अन्य घटक निम्नलिखित हैं–
- प्रधान मंत्री राष्ट्रीय प्रशिक्षुता संवर्धन योजना (PM-NAPS): इस योजना के तहत सरकार प्रशिक्षुओं को स्टाइपेंड देने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
- जन शिक्षण संस्थान (JSS) योजना: इसके तहत 15-45 आयु वर्ग के निरक्षरों, नव-साक्षरों और स्कूल की पढ़ाई छोड़ने वालों (12वीं कक्षा तक) को व्यावसायिक कौशल प्रदान किया जाता है।
- PMKVY के अंतर्गत तीन प्रकार के प्रशिक्षण:
- शॉर्ट-टर्म ट्रेनिंग (STT): नेशनल स्किल्स क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (NSQF) के अनुरूप पाठ्यक्रम और ऑन-जॉब ट्रेनिंग।
- पूर्व शिक्षण की मान्यता (RPL): मौजूदा कौशल का उद्योग द्वारा मान्यता प्राप्त प्रमाणन।
- विशेष परियोजनाएं: हाशिए पर मौजूद समूहों, दुर्गम क्षेत्रों और विशिष्ट या भविष्य की नौकरी के लिए अनुकूलित कौशल प्रशिक्षण।

PMKVY की महत्वपूर्ण उपलब्धियां
- कौशल प्रशिक्षण तक पहुंच में सुधार: वर्ष 2015 से अब तक 1.63 करोड़ से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
- लक्षित कौशल विकास: हाशिए पर मौजूद समूहों के लिए लक्षित कौशल विकास के तहत त्रिपुरा में 2,500 ब्रू जनजाति के अभ्यर्थियों; असम और मणिपुर की जेलों के कैदियों; तथा 18 राज्यों में PANKH परियोजना के अंतर्गत 70% महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया है।
- सामाजिक समानता और समावेशन: 45% महिला भागीदारी और अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) तथा अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) का उल्लेखनीय समावेशन किया गया है।
- भविष्य के लिए तैयार कार्यबल: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), रोबोटिक्स, 5G तकनीक, साइबर सुरक्षा, ड्रोन, ग्रीन हाइड्रोजन जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों को शामिल किया गया है।
- पारंपरिक शिल्पों का प्रोत्साहन: नगालैंड और जम्मू-कश्मीर के कारीगरों व बुनकरों के लिए कौशल उन्नयन परियोजनाएं चलाई जा रही हैं।