अक्टूबर 2025 में "आपकी पूंजी, आपका अधिकार" नामक एक पहल शुरू की गई थी। इस पहल के तहत, लगभग ₹2,000 करोड़ की दावा न की गई वित्तीय परिसंपत्तियां उनके वास्तविक स्वामियों को लौटा दी गई हैं।
दावा न की गई वित्तीय परिसंपत्तियों के बारे में
- ये परिसंपत्तियां तब उत्पन्न होती हैं, जब वित्तीय संस्थाओं (बैंक, बीमा, म्यूचुअल फंड, पेंशन आदि) के पास जमा धन, खाताधारक या उनके कानूनी उत्तराधिकारियों द्वारा लंबे समय तक नहीं निकाला जाता है। इसके मुख्य कारण प्रवास, मृत्यु या जानकारी का अभाव हो सकते हैं।
दावा न की गई वित्तीय परिसंपत्तियों का पता लगाने के लिए डिजिटल पोर्टल
- उद्गम (UDGAM) पोर्टल: इसे RBI ने लॉन्च किया है। इसके माध्यम से बैंकों में जमा दावा न की गई राशि का पता लगाया जाता है।
- बीमा भरोसा पोर्टल: इसे भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने लॉन्च किया है। बीमा पॉलिसी की दवा न की गई राशि खोजने के लिए।
- मित्रा (MITRA) पोर्टल: म्यूचुअल फंड निवेश के विवरण के लिए।
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1 source26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाया गया और इसी अवसर पर प्रधान मंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार भी वितरित किए गए।
वीर बाल दिवस के बारे में
- यह दिवस वर्ष 2022 से प्रति वर्ष 26 दिसंबर को मनाया जाता है।
- ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: यह दिन 10वें सिख गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे पुत्रों (शहीद साहिबजादा बाबा जोरावर सिंह और साहिबजादा बाबा फतेह सिंह) को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है।
- इन दोनों को मुगल सेना ने आनंदपुर किले में बंदी बना लिया था और 26 दिसंबर, 1705 को सरहिंद में शहीद कर दिया गया था।
प्रधान मंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के बारे में
- यह एक राष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार है, जो प्रतिवर्ष भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया जाता है।
- यह पुरस्कार विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धि हासिल करने वाले बच्चों को सम्मानित करने के लिए दिया जाता है।
- पात्रता: 5 वर्ष से अधिक और 18 वर्ष से कम आयु के बालक।
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1 sourceसरकार ने कोयला खदान (Colliery) नियंत्रण (संशोधन) नियम, 2025 अधिसूचित किए।
- इनका उद्देश्य व्यवसाय करने में सुगमता (Ease of Doing Business) को बढ़ाना और कोयला क्षेत्रक को अधिक व्यवसाय-अनुकूल बनाना है।
कोयला खदान नियंत्रण (संशोधन) नियम, 2025 के बारे में
- कोयला कंपनियों के लिए कोयला खान खोलने तथा निजी तौर पर आवंटित कोयला परतों (Seams) या परतों के किसी खंड को खोलने के लिए कोयला नियंत्रण संगठन (CCO) से पूर्व अनुमति लेने की आवश्यकता को समाप्त कर दिया गया है।
- संशोधित प्रावधानों के तहत, खान या परत खोलने की अनुमति देने का अधिकार अब संबंधित कोयला कंपनी के बोर्ड को सौंप दिया गया है।
- कंपनियों के अलावा अन्य संस्थाओं को इस तरह की अनुमति अभी भी कोयला नियंत्रण संगठन (CCO) के माध्यम से ही लेनी होगी।
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1 sourceहाल ही में, गुजरात के रतनमहल वन्यजीव अभयारण्य में बाघ की उपस्थिति दर्ज की गई। इसी के साथ गुजरात ने 33 वर्षों के बाद पुनः 'टाइगर स्टेट' (बाघ पर्यावास वाला राज्य) का दर्जा हासिल कर लिया।
- गुजरात अब भारत का एकमात्र ऐसा राज्य बन गया है, जहां तीन प्रमुख बड़ी बिल्ली प्रजातियां (शेर, बाघ और तेंदुआ) एक साथ मौजूद हैं।
रतनमहल वन्यजीव अभयारण्य के बारे में
- अवस्थिति: यह मध्य गुजरात के दाहोद जिले में गुजरात-मध्य प्रदेश सीमा पर स्थित है।
- इतिहास: इसे 1982 में वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया गया था।
- विशेषता: पूरे राज्य में इस अभयारण्य में स्लोथ बीयर (भालू) की सर्वाधिक आबादी पाई जाती है।
- वन्यजीव: तेंदुआ, स्लोथ बीयर, नीलगाय, चौसिंगा मृग आदि।
- पारिस्थितिक महत्त्व: यहां के वन मध्य गुजरात की एक प्रमुख नदी, पानामा नदी के जलग्रहण क्षेत्र (Catchment area) का निर्माण करते हैं।

इजरायल स्व-घोषित सोमालीलैंड गणराज्य को एक स्वतंत्र और संप्रभु देश के रूप में औपचारिक मान्यता देने वाला पहला देश बना।
सोमालीलैंड गणराज्य के बारे में
- अवस्थिति: यह 'हॉर्न ऑफ अफ्रीका' में स्थित है।
- सीमाएं: इसकी सीमाएं उत्तर में अदन की खाड़ी, उत्तर-पश्चिम में जिबूती, दक्षिण व पश्चिम में इथियोपिया और पूर्व में सोमालिया से लगती हैं।
- इतिहास: केंद्र सरकार के पतन और वर्षों के गृहयुद्ध के बाद, यह 1991 में सोमालिया से अलग हो गया था। तब से, यह एक 'वास्तविक राज्य' (de facto state) के रूप में अस्तित्वमान है। इसकी अपनी निर्वाचित सरकार है।
- राजधानी: हरगेईसा (Hargeisa)।
केंद्रीय भूजल बोर्ड के अनुसार, 2023 में दिल्ली में एकत्र किए गए भूजल के नमूनों में से 20% से अधिक में नाइट्रेट का स्तर स्वीकार्य सीमा से अधिक पाया गया।
नाइट्रेट संदूषण के बारे में
- जल में नाइट्रेट की स्वीकार्य सीमा: 45 मिलीग्राम/ लीटर (mg/l)।
- प्रमुख स्रोत: कृषि में नाइट्रोजन आधारित उर्वरकों का अत्यधिक उपयोग और पशु अपशिष्ट।
- स्वास्थ्य पर प्रभाव: यह शिशुओं में मेथेमोग्लोबिनेमिया (ब्लू बेबी सिंड्रोम) का कारण बनता है। यह एक प्राणघातक स्थिति है, जिसमें हीमोग्लोबिन प्रभावी तरीके से ऑक्सीजन का वहन नहीं कर पाता है।
- पर्यावरणीय प्रभाव: यह जल निकायों में शैवाल प्रस्फुटन (Algal blooms) यानी सुपोषण (Eutrophication) को बढ़ावा देता है। इससे जल का पारिस्थितिकी-तंत्र प्रभावित होता है।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर में चेनाब नदी पर 260 मेगावाट (MW) की दुलहस्ती चरण-II परियोजना को मंजूरी प्रदान की।
दुलहस्ती चरण-II परियोजना के बारे में
- यह परियोजना पाकल दुल परियोजना के माध्यम से, मरुसुदर नदी से मोड़े गए अतिरिक्त जल का उपयोग करेगी।
- चेनाब नदी पर अन्य संचालित परियोजनाएं: दुलहस्ती-I (किश्तवाड़), बगलिहार (रामबन) और सलाल (रियासी)।
- निर्माणाधीन परियोजनाएं: रतले (850 मेगावाट), कीरू (624 मेगावाट) और क्वार (540 मेगावाट) परियोजनाएं।
चेनाब नदी के बारे में
- स्रोत: हिमाचल प्रदेश में चंद्र और भागा नदियों के संगम से।
- भारत में प्रवाह: यह जम्मू-कश्मीर में दक्षिण में शिवालिक श्रेणी और उत्तर में लघु हिमालय के बीच पश्चिम की ओर बहती है।
- सहायक नदियां व संगम: पाकिस्तान में झेलम नदी इसमें मिल जाती है। बाद में यह सतलज नदी में मिल जाती है।
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री ने नया भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) मानक IS 19412:2025 जारी किया है। इसे अगरबत्ती के लिए जारी किया गया है।
IS 19412:2025 – अगरबत्ती के बारे में
- उपभोक्ता सुरक्षा और उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए, यह मानक अगरबत्ती बनाने में निम्नलिखित पदार्थों के उपयोग को प्रतिबंधित करता है:
- कीटनाशक रसायन: एलिथ्रिन (Allethrin), पर्मेथ्रिन (Permethrin), साइपरमेथ्रिन (Cypermethrin), डेल्टामेथ्रिन (Deltamethrin) और फिप्रोनिल (Fipronil)।
- कृत्रिम सुगंधित पदार्थ: जैसे- बेंजिल साइनाइड, एथिल एक्रेलेट, डाइफेनिलएमीन आदि।
भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के बारे में
- BIS भारत का राष्ट्रीय मानक निर्धारक निकाय है।
- इसकी स्थापना BIS अधिनियम, 2016 के तहत वस्तुओं के मानकीकरण, अंकन (marking) और गुणवत्ता प्रमाणन की गतिविधियों के सुसंगत विकास के लिए की गई थी।