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वैश्विक दक्षिण के लिए T-20: आतंकवाद के खिलाफ भारत के नेतृत्व वाले ब्लॉक का मामला | Current Affairs | Vision IAS

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वैश्विक दक्षिण के लिए T-20: आतंकवाद के खिलाफ भारत के नेतृत्व वाले ब्लॉक का मामला

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आतंकवाद और वैश्विक दक्षिण: भारत का सक्रिय दृष्टिकोण

पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले और भारत की सैन्य प्रतिक्रिया, ऑपरेशन सिंदूर, ने आतंकवाद के निरंतर खतरे को उजागर किया है। यह युद्ध का एक सतत रूप है तथा विशेष रूप से वैश्विक दक्षिण को प्रभावित कर रहा है।

भारतीय प्रतिक्रिया और अंतर्राष्ट्रीय गतिशीलता

  • भारत ने सक्रिय रक्षा रणनीति का प्रदर्शन करते हुए सैन्य सटीकता और कूटनीतिक अनुशासन के साथ जवाब दिया।
  • वैश्विक प्रतिक्रिया ने आतंकवाद का प्रभावी ढंग से जवाब देने में अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली की कमजोरियों को उजागर कर दिया। 
  • संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस और इजरायल जैसे देशों ने भारत का समर्थन किया, वहीं संयुक्त राष्ट्र और OIC सहित अन्य देशों ने संयम और बातचीत का आह्वान किया।
  • चीन और रूस की प्रतिक्रियाओं में कूटनीतिक चुनौतियां प्रदर्शित हुईं, जिसमें चीन ने पाकिस्तान का बचाव किया और रूस ने चुप्पी साध ली। 

टी-20 पहल: आतंकवाद के खिलाफ 20 

भारत के नेतृत्व में T-20 पहल के प्रस्ताव का उद्देश्य वर्तमान वैश्विक आतंकवाद-रोधी ढांचे और आतंकवाद की क्षेत्रीय वास्तविकताओं के बीच की खाई को पाटना है।

  • वैश्विक दक्षिण के देशों को शामिल करते हुए, T-20 का ध्यान खुफिया जानकारी साझा करने, क्षमता निर्माण और कट्टरपंथ विरोधी गतिविधियों पर केंद्रित होगा। 
  • इसका उद्देश्य साइबर आतंकवाद, ड्रोन युद्ध और क्रिप्टो-वित्तपोषण जैसे उभरते खतरों से निपटना है।
  • T-20 की समावेशिता से वैश्विक सुरक्षा बहसों में अक्सर दरकिनार कर दिए जाने वाले देशों को आवाज मिलेगी। 

रणनीतिक और नैतिक अनिवार्यताएँ 

T-20 में भारत का नेतृत्व सैन्य हस्तक्षेप के बिना भी उसकी वैश्विक हैसियत को बढ़ाएगा तथा उसे वैश्विक दक्षिण में एक जिम्मेदार शक्ति के रूप में स्थापित करेगा। 

  • T-20, संयुक्त राष्ट्र और FATF जैसी मौजूदा संस्थाओं का स्थान नहीं लेगा, बल्कि उनका पूरक होगा तथा विवेक-रक्षक और कार्रवाई-त्वरक के रूप में कार्य करेगा।
  • इसमें डेटा-संचालित रणनीतियों, सामुदायिक लचीलेपन और विकास से जुड़े डी-रेडिकलाइजेशन पर जोर दिया जाएगा। 

निष्कर्ष

T-20 जैसी स्थायी संस्थागत संरचना स्थापित करने की आवश्यकता वैश्विक स्तर पर बार-बार होने वाली आतंकवादी घटनाओं से स्पष्ट होती है। भारत का नेतृत्व और अनुभव उसे इस पहल का नेतृत्व करने के लिए उपयुक्त बनाता है, जो समान खतरों का सामना कर रहे देशों के लिए एक सामूहिक मंच प्रदान करता है। 

  • Tags :
  • Terrorism
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