सुर्ख़ियों में क्यों?
ECOWAS ने इस साल अपनी 50वीं वर्षगांठ मनाई।
ECOWAS के बारे में
- स्थापना: ECOWAS की स्थापना 28 मई 1975 में की गई थी। 15 देशों ने लागोस संधि पर हस्ताक्षर करके इसकी शुरुआत की थी।
- मुख्यालय: अबूजा (नाइजीरिया)
- क्षेत्रीय समूह: ECOWAS में जून 2025 तक 12 पश्चिम अफ्रीकी देश शामिल हैं।
- इसके सदस्य देशों में बेनिन, काबो वर्डे, कोटे डी आइवर, गैम्बिया, घाना, गिनी, गिनी-बिसाऊ, लाइबेरिया, नाइजीरिया, सेनेगल, सिएरा लियोन और टोगो शामिल हैं।
- उद्देश्य: ECOWAS का मुख्य उद्देश्य पश्चिम अफ्रीका में आर्थिक संघ की स्थापना के लिए सहयोग और एकीकरण को बढ़ावा देना है, जिससे:
- इसके लोगों के जीवन स्तर में सुधार हो,
- आर्थिक स्थिरता बनाए रखी जा सके,
- सदस्य देशों के बीच संबंधों को प्रगाढ़ किया जा सके, और
- अफ्रीकी महाद्वीप की प्रगति और विकास में योगदान दिया जा सके।
- ECOWAS ने 1990 में अपना मुक्त व्यापार क्षेत्र स्थापित किया था और जनवरी 2015 में एक साझी बाह्य प्रशुल्क व्यवस्था अपनाई थी।
भारत-ECOWAS संबंध
- राजनयिक संबंध: भारत 2004 में ECOWAS का पर्यवेक्षक बना था।

- ECOWAS संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी का समर्थन करता है।
- दक्षिण-दक्षिण सहयोग: भारत पश्चिमी अफ्रीका के क्षेत्रीय विकास का समर्थन करता है। उदाहरण के लिए- नवीकरणीय ऊर्जा सहयोग के लिए ECOWAS सेंटर फॉर रिन्यूएबल एनर्जी एंड एनर्जी एफिशिएंसी और भारत के अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) के बीच समझौता ज्ञापन (MoU) हुआ है।
- आर्थिक सहयोग: 2006 में भारत ने 'फोकस अफ्रीका कार्यक्रम' को पूरक बनाने के लिए इस समूह को 250 मिलियन अमेरिकी डॉलर का लाइन ऑफ क्रेडिट (LoC) दिया था।
- भारत ने वर्ष 2002-03 से एक एकीकृत कार्यक्रम 'फोकस अफ्रीका' शुरू किया था। इसका उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार और निवेश के क्षेत्रों की पहचान करके भारत एवं अफ्रीका के बीच अंतर्क्रिया में वृद्धि करना था।
निष्कर्ष
ECOWAS अपने छठे दशक में प्रवेश कर रहा है, जहां वह एक ऐतिहासिक मोड़ पर है। एकीकरण, शांति स्थापना और मानव विकास में इसकी उपलब्धियां सराहनीय हैं, लेकिन आंतरिक विभाजन, राजनीतिक अस्थिरता और नागरिकों से जुड़ाव की कमी इसकी भावी प्रासंगिकता को चुनौती दे रहे हैं।