भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा हथियारों की आपातकालीन खरीद
सरकार की आत्मनिर्भरता पहल के समर्थन में, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने सशस्त्र बलों द्वारा आपातकालीन खरीद के लिए 28 मौजूदा हथियार प्रणालियां उपलब्ध कराई हैं।
आपातकालीन खरीद के मुख्य पहलू
- यह पहल सेना, नौसेना और वायु सेना को आवश्यकतानुसार नई हथियार प्रणालियां हासिल करने और मौजूदा हथियार प्रणालियों को बढ़ाने में सक्षम बनाती है।
- उपलब्ध हथियारों में रॉकेट, मिसाइल, ग्रेनेड और ड्रोन रोधी मिसाइलें आदि शामिल हैं।
- सरकार ने पहले ही सैन्य बलों के लिए आपातकालीन हथियार खरीद शक्तियों को मंजूरी दे दी है।
ऑपरेशन सिंदूर का महत्व
- ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, स्वदेशी रूप से विकसित हथियारों ने खतरों और हमलों का मुकाबला करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- इस ऑपरेशन ने घरेलू स्तर पर विकसित रक्षा प्रौद्योगिकियों की प्रभावशीलता पर प्रकाश डाला।
खरीद विवरण
- खरीद को सुविधाजनक बनाने के लिए, DRDO ने विक्रेताओं और उत्पादों की एक सूची प्रदान की, जिसमें निजी रक्षा निर्माता और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSUs) दोनों शामिल थे।
- 28 हथियार प्रणालियों में से, वितरण में सेना के लिए 14, नौसेना के लिए 8 और भारतीय वायु सेना के लिए 6 शामिल हैं।
DRDO की भूमिका और योगदान
- DRDO भारतीय रक्षा बलों के लिए हथियारों का प्रमुख विकासकर्ता है।
- उल्लेखनीय योगदानों में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, MRSAM एयर-एज फेंस मिसाइल प्रणाली और आकाश एयर-एज फेंस प्रणाली शामिल हैं।
- ये प्रणालियाँ पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर की सफलता में सहायक थीं।