एशिया में जलवायु रुझान 2024
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में एशिया ने असाधारण रूप से गर्म वर्ष का अनुभव किया, जिसमें औसत तापमान पिछले 30 वर्षों के औसत से 1.04 डिग्री सेल्सियस अधिक है। महाद्वीप वैश्विक औसत से लगभग दोगुनी गति से गर्म हो रहा है, जिसके कारण विभिन्न चरम मौसमी घटनाएँ और महत्वपूर्ण आर्थिक प्रभाव हो रहे हैं।
चरम मौसमी घटनाएँ
- एशिया को 29 उष्णकटिबंधीय चक्रवातों, लम्बे समय तक चलने वाली गर्म लहरों और अत्यधिक वर्षा की घटनाओं का सामना करना पड़ा।
- भारत में अत्यधिक गर्मी के कारण 450 से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई तथा तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।
- भारत में घातक बिजली गिरने की घटनाओं के परिणामस्वरूप लगभग 1,300 लोगों की मृत्यु हुई।
- एशिया के सबसे भयंकर उष्णकटिबंधीय चक्रवात यागी ने फिलीपींस और चीन सहित कई देशों में व्यापक क्षति पहुंचाई।
- समुद्री उष्ण लहरों ने लगभग 15 मिलियन वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कवर कर लिया।
हिमनदी और वर्षा में परिवर्तन
- मध्य-दक्षिण एशिया के 24 में से 23 ग्लेशियरों में भारी क्षति हुई।
- उरुमकी ग्लेशियर संख्या 1 ने 1959 के बाद से अपना सबसे नकारात्मक द्रव्यमान संतुलन दर्ज किया।
- अरब के रेगिस्तान और म्यांमार के कुछ हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई।
विशेषज्ञ टिप्पणी
विश्व मौसम संगठन के महासचिव प्रोफेसर सेलेस्टे साउलो ने सतह के तापमान और समुद्र के स्तर जैसे जलवायु संकेतकों में परिवर्तन के कारण समाजों और पारिस्थितिकी प्रणालियों पर पड़ने वाले महत्वपूर्ण प्रभावों पर जोर दिया।