नई प्रौद्योगिकियों को लेकर चिंता
15वीं सदी के मध्य से ही, लिखित शब्द को प्रभावित करने वाली हर नई तकनीक को को चिंता की दृष्टि से देखा गया है। प्रिंटिंग प्रेस से लेकर ChatGPT जैसे लार्ज लैंग्वेज मॉडल्स (LLMs) तक हर नवाचार इस आशंका का सामना करता रहा है कि यह सोच और शब्द के बीच के गहरे संबंध को कमजोर कर सकता है।
लार्ज लैंग्वेज मॉडल्स
- अन्य उपकरणों के विपरीत, LLMs उपयोगकर्ता के लिए "सोच" सकता है, जिससे ज्ञान बढ़ाने पर उनके प्रभाव के बारे में चिंताएं बढ़ जाती हैं।
- LLMs के व्यापक उपयोग ने विशेषकर छात्रों और शोधकर्ताओं के बीच, इन चिंताओं को बढ़ा दिया है।
कॉग्निटिव डेट पर MIT का अध्ययन
- हाल ही में MIT के एक अध्ययन में लेखन के लिए ChatGPT के उपयोग के संज्ञानात्मक प्रभावों का पता लगाया गया।
- प्रतिभागियों को तीन समूहों में विभाजित किया गया: बिना किसी सहायता के लिखने वाले, सर्च इंजन का उपयोग करने वाले तथा ChatGPT से सहायता प्राप्त करने वाले।
- चार महीनों तक तंत्रिका गतिविधि पर नजर रखी गई, जिससे ChatGPT समूह में संज्ञानात्मक सहभागिता कम पाई गई।
- इन उपयोगकर्ताओं ने अपने कार्य के प्रति कम स्वामित्व और कम स्मृति प्रदर्शित की।
चिंताएं और आशावाद
- यह आशंका बनी हुई है कि विनिर्माण में स्वचालन की तरह AI बौद्धिक श्रम का स्थान ले सकता है।
- हालाँकि, MIT अध्ययन और सैम ऑल्टमैन जैसे AI प्रचारक, दोनों ही AI के प्रभावों को अधिक आंकते हैं।
AI का प्रभावी उपयोग
- यद्यपि LLMs पर निर्भरता के प्रतिकूल संज्ञानात्मक प्रभाव हो सकते हैं, फिर भी इसके प्रभावी उपयोग की सम्भावना बनी हुई है।
- अच्छे लेखन में विश्लेषण और अभिव्यक्ति शामिल होती है, जिसे नए उपकरणों से लाभ मिल सकता है।
लर्निंग में उपयोग
- लर्निंग में AI को शामिल करने का चरण बहुत महत्वपूर्ण है। उदाहरण के लिए, कैलकुलेटर उपलब्ध होने के बावजूद छात्र लंबी प्रक्रिया से भाग देना सीख लेते हैं।
- LLMs, लेखन को बदले बिना व्याकरण सुधार जैसे भाषा संबंधी कार्यों में सहायता कर सकते हैं।
शोध और सोशल मीडिया से जुड़े सबक
AI की तीव्र प्रगति का मतलब है कि इसके प्रभावों पर शोध पिछड़ रहा है। सोशल मीडिया से मिले सबक इस कमी को दूर करने की आवश्यकता को रेखांकित करते हैं।