आंध्र प्रदेश एयरोस्पेस और रक्षा नीति (2025-30)
आंध्र प्रदेश सरकार ने राज्य में एयरोस्पेस और रक्षा क्लस्टर विकसित करने के लिए महत्वपूर्ण प्रोत्साहन शुरू किए हैं। इसका उद्देश्य आंध्र प्रदेश को रक्षा विनिर्माण और अनुसंधान एवं विकास का वैश्विक केंद्र बनाना है।
मुख्य विशेषताएं और प्रोत्साहन
- सब्सिडी वाली भूमि: निवेशकों को सब्सिडी वाली भूमि की पेशकश की जाती है, जिसमें पहले पांच एंकर निवेशकों को सकल विक्रय मूल्य के 25% पर भूमि दी जाती है और गैर-एंकर निवेशकों को 10% पर।
- प्रौद्योगिकी हस्तांतरण सब्सिडी:
- राज्य प्रमुख और बड़े निवेशकों के लिए प्रौद्योगिकी अधिग्रहण लागत का 50% (₹1 करोड़ तक) वहन करेगा।
- मध्यम और लघु उद्यमों के लिए प्रौद्योगिकी लागत के 50% को कवर करने हेतु 100 करोड़ रुपये की वार्षिक निधि प्रस्तावित है, जिसका वितरण चार वर्षों में किया जाएगा।
- निवेश लक्ष्य: नीति का लक्ष्य ₹50,000 करोड़ से ₹1 लाख करोड़ तक का निवेश आकर्षित करना है, जिसका न्यूनतम लक्ष्य ₹25,000 करोड़ है।
- कौशल विकास सहायता: 500 करोड़ रुपये से अधिक निवेश करने वाले निवेशकों के लिए विशेष लाभ।
- एकल खिड़की मंजूरी: एक समर्पित निकाय एयरोस्पेस और रक्षा निवेश को सुविधाजनक बनाएगा तथा एक सेल द्वारा निर्यात को बढ़ावा दिया जाएगा।
प्रस्तावित क्लस्टर
- विशाखापत्तनम-श्रीकाकुलम: 3,000 एकड़ में फैला एक नौसैनिक क्लस्टर।
- जग्गैयापेट-डोनाकोंडा: 3,000-4,000 एकड़ में एक मिसाइल और गोला-बारूद क्लस्टर।
- कुरनूल-ओर्वाकल: 4,000 एकड़ में फैला एक मानवरहित प्रणाली क्लस्टर।
- लेपाक्षी-मदकासिरा: 4,000-5,000 एकड़ में फैला एक एयरोस्पेस और इलेक्ट्रॉनिक्स क्लस्टर।
- तिरुपति: एक अनुसंधान एवं विकास केंद्र।
कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक्स
निर्बाध परिचालन और कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए इन क्लस्टरों को रणनीतिक रूप से मौजूदा हवाई अड्डों और लॉजिस्टिक्स कॉरिडोर (बेंगलुरू, हैदराबाद, चेन्नई और कोलकाता सहित) के साथ मैप किया गया है।