ईरानी परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिकी हमलों का अवलोकन
21 जून को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने फोर्डो, नतांज़ और इस्फ़हान में ईरानी परमाणु सुविधाओं पर सटीक हमले की घोषणा की। "ऑपरेशन मिडनाइट हैमर" नामक इस अभियान में बी-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर और जीबीयू-57 बंकर बस्टर का इस्तेमाल किया गया।
सैन्य अभियान का विवरण
- ये हमले अमेरिकी सेंट्रल कमांड (सेंटकॉम) द्वारा किए गए और इसमें सात बी-2 स्पिरिट स्टेल्थ बमवर्षक विमान शामिल थे।
- बी-2 ने फोर्डो स्थल पर 30,000 पौंड के विशाल आयुध भेदक (एमओपी) गिराए।
- दुश्मन की पकड़ से बचने के लिए उन्हें चकमा देते हुए रणनीति के रूप में नकली विमानों का इस्तेमाल किया गया था।
- एक अमेरिकी पनडुब्बी ने इस्फ़हान स्थल पर दो दर्जन से अधिक टॉमहॉक मिसाइलें दागीं।
- कुल मिलाकर लगभग 75 प्रिसीजन-गाइडेड हथियारों का प्रयोग किया गया।
प्रभाव और मूल्यांकन
प्रारंभिक आकलन से पता चला कि ईरानी स्थलों को भारी क्षति पहुंची है, हालांकि बाद में कुछ अमेरिकी अधिकारियों ने फोर्डो में हुए नुकसान के बारे में संदेह व्यक्त किया।
बी-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर
- बी-2 अमेरिकी बमवर्षक बेड़े में एकमात्र पूर्णतः स्टेल्थ विमान है, जिसकी 19 सक्रिय इकाइयां हैं।
- इसे पहली बार 1989 में उड़ाया गया तथा इसका परिचालन 1997 में शुरू हुआ।
- कम अवरक्त, ध्वनिक, विद्युतचुंबकीय, दृश्य और रडार संकेतों के कारण इस विमान के पकड में आने की संभावना कम है।
- 40,000 पाउंड की पेलोड क्षमता के साथ, यह जीपीएस द्वारा निर्देशित दो एमओपी बम ले जा सकता है।
- बी-2 का सबसे लम्बा मिशन 2001 में अफगानिस्तान के ऊपर 44 घंटे की उड़ान थी।
रखरखाव और उन्नयन
- बी-2 की रखरखाव लागत बहुत अधिक है, तथा प्रति उड़ान घंटे के लिए100 घंटे के रखरखाव की आवश्यकता होती है।
- विमान की स्टील्थ क्षमता को बनाए रखने के लिए तापमान नियंत्रित हैंगर आवश्यक हैं।
- इसके उन्नयन के लिए 2029 तक स्टेल्थ, संचार और इंजन में सुधार के लिए 7 बिलियन डॉलर का अनुबंध शामिल है।
ईरानी परमाणु स्थल और संदर्भ
- फोर्डो परमाणु सुविधा काफी गहराई में स्थित है और ईरान ने 2009 में इसकी पुष्टि की थी।
- जीबीयू-57 एमओपी का उपयोग भारी किलेबंद स्थलों में घुसकर उन्हें नष्ट करने के लिए किया गया।
- इन हमलों के साथ अमेरिका ने इजरायल-ईरान संघर्ष में आधिकारिक रूप से प्रवेश किया तथा इजरायल की पिछली कार्रवाइयों का समर्थन किया।
भविष्य के विकास: बी-21 रेडर
बी-21 रेडर, अगली पीढ़ी का स्टील्थ बॉम्बर है, जिसका विकास किया जा रहा है। यह बी-2 जैसा ही है, लेकिन छोटा है और इसे तेजी से सॉफ्टवेयर एकीकरण के लिए डिज़ाइन किया गया है। USAF इसकी कम से कम 100 यूनिट खरीदने की योजना बना रहा है, जिनमें से प्रत्येक की लागत लगभग 550 मिलियन डॉलर होगी।