वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट अवलोकन
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपनी अर्धवार्षिक वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) जारी की है, जिसमें चुनौतीपूर्ण वैश्विक आर्थिक परिवेश के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूत वृद्धि पर प्रकाश डाला गया है।
विकास के प्रमुख चालक
- घरेलू विकास चालक: मजबूत घरेलू कारक विकास की गति को बनाए रख रहे हैं।
- समष्टि आर्थिक बुनियादी बातें: अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ समष्टि आर्थिक बुनियादी बातों का समर्थन प्राप्त है।
- विवेकपूर्ण नीतियां: विवेकपूर्ण व्यापक आर्थिक नीतियां स्थिरता में योगदान दे रही हैं।
विकास के लिए संभावित जोखिम
- बाह्य प्रभाव: वैश्विक आर्थिक चुनौतियाँ जोखिम उत्पन्न कर सकती हैं।
- मौसम संबंधी घटनाएँ: प्रतिकूल मौसम विकास पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
मुद्रास्फीति और वित्तीय प्रणाली लचीलापन
- मुद्रास्फीति परिदृश्य: मुद्रास्फीति के आरबीआई के लक्ष्य के अनुरूप रहने की उम्मीद है।
- वित्तीय प्रणाली लचीलापन: वित्तीय प्रणाली का लचीलापन बेहतर हो रहा है, जिसे निम्नलिखित से समर्थन मिल रहा है:
- मजबूत पूंजी बफर
- कम गैर-निष्पादित ऋण
- मजबूत लाभप्रदता
तनाव परीक्षण के परिणाम
- बैंकिंग क्षेत्र की मजबूती: तनाव परीक्षण प्रतिकूल परिस्थितियों में भी मजबूत पूंजी स्तर का संकेत देते हैं।
- कॉर्पोरेट और एनबीएफसी की स्थिति: कॉर्पोरेट और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए मजबूत बैलेंस शीट।
वित्तीय स्थितियाँ और जोखिम
- सुगम वित्तीय स्थितियाँ: उदार मौद्रिक नीति और कम बाजार अस्थिरता द्वारा समर्थित।
- प्रमुख जोखिम: भू-राजनीतिक संघर्ष, पूंजी बहिर्गमन और व्यापार मंदी महत्वपूर्ण जोखिम हैं।
वैश्विक चिंताएँ
- वैश्विक सार्वजनिक ऋण: अनिश्चितता के बीच बढ़ता वैश्विक सार्वजनिक ऋण एक गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है।