पर्यावरण मंत्रालय की वन सलाहकार समिति (FAC) की समीक्षा
पर्यावरण मंत्रालय की वन सलाहकार समिति (FAC) ने ओडिशा के पुरी में प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए मंजूरी स्थगित कर दी है। यह निर्णय एक क्षेत्रीय कार्यालय की ओर से संभावित पारिस्थितिक प्रभावों के बारे में चिंताओं के कारण लिया गया है।
प्रमुख पर्यावरणीय चिंताएँ
- ओलिव रिडले कछुए और इरावदी डॉल्फ़िन:
- FAC ने प्रवास मार्गों पर खतरों तथा इन प्रजातियों के संरक्षण की आवश्यकताओं पर प्रकाश डाला।
- इसने आगे की सलाह के लिए भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) से परामर्श करने की सिफारिश की।
- वृक्षों की हानि:
- प्रस्ताव में कैसुरीना और बबूल सहित 13,000 पेड़ों को काटने की बात शामिल है, जो चक्रवातों के खिलाफ तटीय सुरक्षा के लिए आवश्यक हैं।
- ओडिशा सरकार से संभावित जलवायु प्रभावों के लिए शमन योजना उपलब्ध कराने को कहा गया है।
- प्रवासी पक्षियों पर प्रभाव:
- यह स्थल चिल्का झील के निकट है, जिसके कारण पक्षी से संबंधित चिंता उत्पन्न हो गई है। गौरतलब है कि चिल्का झील प्रवासी पक्षियों का एक प्रमुख गंतव्य स्थान है।
- ओडिशा सरकार ने कहा कि मौजूदा हवाई यातायात से मध्य एशियाई फ्लाईवे पर पक्षियों के प्रवास पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है।
प्रस्तावित परियोजना का विवरण
- श्री जगन्नाथ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण पुरी जिले के सिपासरुबली क्षेत्र में लगभग 471 हेक्टेयर भूमि पर किया जाना था।
- इस परियोजना के लिए 27.88 हेक्टेयर वन भूमि की आवश्यकता है और इसकी अनुमानित लागत 5,631 करोड़ रुपये है।
अतिरिक्त चिंताएं और प्रक्रियाएं
- क्षेत्रीय कार्यालय ने बताया कि प्रस्तावित वन भूमि पर 1,400 मीटर की चारदीवारी का निर्माण किया गया है, जो नियमों का उल्लंघन है।
- ओडिशा सरकार ने स्पष्ट किया कि यह दीवार अस्थायी थी और अतिक्रमण को रोकने के लिए इसे हटा दिया गया है।