विश्व व्यापार संगठन में अमेरिकी टैरिफ वृद्धि पर भारत की प्रतिक्रिया
भारत ने चुनिंदा अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी शुल्क लगाने की अपनी मंशा की घोषणा की है। यह निर्णय ऑटोमोबाइल और विशिष्ट ऑटो पार्ट्स पर अमेरिका के 25% टैरिफ वृद्धि के जवाब में लिया गया है।
पृष्ठभूमि
- अमेरिका द्वारा यह टैरिफ बढ़ोतरी 3 मई से एक "सुरक्षा उपाय" के रूप में अपनाई गई थी, जिसका लक्ष्य यात्री वाहनों, हल्के ट्रकों और कुछ ऑटोमोबाइल भागों का आयात था।
- भारत का दावा है कि इन उपायों को अमेरिका द्वारा अधिसूचित नहीं किया गया है और ये वैश्विक व्यापार नियमों के अनुरूप नहीं हैं।
व्यापार पर प्रभाव
- अमेरिकी उपायों से कथित तौर पर अमेरिका में प्रतिवर्ष 2.895 बिलियन डॉलर मूल्य के भारतीय ऑटो उत्पाद आयात प्रभावित होंगे।
- इन उपायों के परिणामस्वरूप कुल 723.75 मिलियन डॉलर का शुल्क लगाया गया है।
भारत की योजनाबद्ध कार्रवाई
- भारत समतुल्य मूल्य की व्यापार रियायतों को निलंबित करने का इरादा रखता है, जिसका उद्देश्य चुनिंदा अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी शुल्क लगाना है।
- भारत ने इस योजना के बारे में विश्व व्यापार संगठन (WTO) को सूचित कर दिया है तथा अधिसूचना की तारीख से 30 दिनों के बाद रियायतें निलंबित करने का अधिकार सुरक्षित रखता है।
हालिया घटनाक्रम
- पिछले महीने भारत ने विश्व व्यापार संगठन को सुरक्षा समझौते के तहत एक औपचारिक अधिसूचना प्रस्तुत की थी।
- इस अधिसूचना में बहुपक्षीय व्यापार निकाय को इस्पात, एल्युमीनियम और उनके व्युत्पन्न उत्पादों पर अमेरिकी टैरिफ के जवाब में रियायतें निलंबित करने के भारत के इरादे के बारे में सूचित किया गया।