ब्रिक्स शिखर सम्मेलन पर एक नजर
रियो डी जेनेरियो में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की गई, जिसमें आतंकवाद, वैश्विक शासन सुधार और सदस्य देशों के बीच आर्थिक सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया गया।
आतंकवाद और पहलगाम हमला
- भारत के प्रधान मंत्री ने पहलगाम आतंकवादी हमले को मानवता के लिए खतरा बताया तथा आतंकवाद के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया।
- ब्रिक्स नेताओं ने इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा की तथा संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादियों के खिलाफ वैश्विक कार्रवाई का आह्वान किया।
- रियो डी जेनेरियो घोषणा-पत्र में सीमापार आतंकवाद और वित्तपोषण से निपटने की प्रतिबद्धता की पुष्टि की गई।
- चर्चा में अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन और ब्रिक्स आतंकवाद-रोधी कार्य समूह की गतिविधियां शामिल थीं।
वैश्विक शासन और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सुधार
- भारत के प्रधान मंत्री ने वैश्विक संस्थाओं की पुरानी संरचना की आलोचना की और सुधारों की आवश्यकता पर बल दिया।
- ब्रिक्स ने विकासशील देशों का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में व्यापक सुधारों का समर्थन किया।
- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ब्राजील और भारत की बड़ी भूमिका के लिए समर्थन देने पर आम सहमति बनी।
आर्थिक सहयोग और वित्तीय तंत्र
- ब्रिक्स ने ब्रिक्स इंटरबैंक सहयोग तंत्र के माध्यम से नवीन वित्तीय प्रथाओं और स्थानीय मुद्रा वित्तपोषण पर ध्यान केंद्रित किया।
- चर्चा में भुगतान प्रणालियों की अंतर-संचालनीयता में सुधार के लिए ब्रिक्स क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट्स इनिशिएटिव पर भी चर्चा की गई।
अंतर्राष्ट्रीय कानून और क्षेत्रीय संघर्ष
- इस शिखर सम्मेलन में ईरान के विरुद्ध एकतरफा बलपूर्वक कार्रवाई और सैन्य हमलों की निंदा की गई तथा इसे अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया गया।
- ब्रिक्स ने गाजा में इजरायल की कार्रवाई पर चिंता व्यक्त की तथा मानवीय सहायता की आवश्यकता पर बल दिया।