भारत में युवाओं को सशक्त बनाना और प्रजनन स्वास्थ्य पर ध्यान देना
वैश्विक जनसंख्या आठ अरब को पार कर गई है, जिसने वृहद और सूक्ष्म, दोनों पहलुओं, विशेष रूप से कमजोर समूहों, पर ध्यान आकर्षित किया है । 1994 के अंतर्राष्ट्रीय जनसंख्या एवं विकास सम्मेलन (ICPD) ने यौन और प्रजनन स्वास्थ्य के बारे में सूचित विकल्पों के अधिकार पर ज़ोर दिया, जो दबाव, भेदभाव और हिंसा से मुक्त हो। इस वर्ष विश्व जनसंख्या दिवस के लिए संयुक्त राष्ट्र का विषय है, " युवाओं को एक निष्पक्ष और आशावान दुनिया में अपने मनचाहे परिवार बनाने के लिए सशक्त बनाना। "
भारत में युवा जनसांख्यिकी
- यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में विश्व स्तर पर सबसे अधिक युवा आबादी है, जिसमें 15 से 29 वर्ष की आयु के 371 मिलियन लोग हैं।
- शिक्षा, कौशल, स्वास्थ्य और परिवार नियोजन सेवाओं तक पहुंच में निवेश से इस जनसांख्यिकी को आर्थिक विकास के लिए उपयोग में लाया जा सकता है। इससे 2030 तक सकल घरेलू उत्पाद में 1 ट्रिलियन डॉलर तक की वृद्धि हो सकती है।
चुनौतियाँ और प्रगति
- 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' और राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम जैसी पहलों के बावजूद, सीमित प्रजनन स्वायत्तता और लैंगिक असमानता जैसी चुनौतियाँ बनी हुई हैं।
- राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5, 2019-21 के अनुसार, बाल विवाह का प्रचलन 2006 के 46% से घटकर 23.3% हो गया है।
- 15-19 वर्ष की आयु की महिलाओं में किशोरावस्था में बच्चे पैदा करने की दर राष्ट्रीय स्तर पर 7% है, लेकिन कुछ राज्यों में यह दर अधिक है।
- UNFPA की विश्व जनसंख्या स्थिति रिपोर्ट 2025 में प्रजनन स्वायत्तता से संबंधित मुद्दों पर प्रकाश डाला गया है। रिपोर्ट के अनुसार, 36% महिलाएँ अनचाही गर्भावस्था का अनुभव करती हैं और 30% महिलाएँ अपनी प्रजनन इच्छाओं को पूरा नहीं कर पातीं।
सशक्तिकरण के लिए व्यापक रणनीतियाँ
एक बहुआयामी दृष्टिकोण आवश्यक है, जिसमें शिक्षा, गर्भनिरोधक तक पहुंच, पोषण, मानसिक स्वास्थ्य सहायता और सामुदायिक सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित किया जाए।
- प्रोजेक्ट उड़ान: राजस्थान में लागू इस परियोजना का उद्देश्य सरकारी छात्रवृत्तियों का उपयोग करके बाल विवाह और किशोरावस्था में गर्भधारण को रोकना था। इस पहल के तहत लड़कियों को स्कूल में बनाए रखा गया, जिससे अब तक 30,000 बाल विवाह और 15,000 किशोरावस्था में गर्भधारण रोके जा चुके हैं।
- अद्विका कार्यक्रम: UNICEF-UNFPA साझेदारी के साथ ओडिशा में शुरू किया गया, यह कार्यक्रम शिक्षा, कौशल विकास के माध्यम से बाल विवाह की रोकथाम पर केंद्रित है और 11,000 गांवों को बाल विवाह मुक्त घोषित करने के लिए सशक्त बनाता है।
आर्थिक सशक्तिकरण और स्वतंत्रता
- प्रोजेक्ट मंजिल: यह परियोजना राजस्थान सरकार के सहयोग से चलाई जा रही है। इसका उद्देश्य युवतियों की आकांक्षाओं के अनुरूप उन्हें कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना है। इस पहल के तहत 16,000 युवतियों को रोजगार मिला, जिससे वे आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त हुईं।
निवेश और आगे की राह
- विश्व जनसंख्या स्थिति 2025 रिपोर्ट में अधिकार-आधारित, बहु-क्षेत्रीय निवेश, गर्भनिरोधक तक सार्वभौमिक पहुंच, सुरक्षित गर्भपात, मातृ स्वास्थ्य और जीवन-कौशल विकास पर जोर दिया गया है।
- उड़ान, अद्विका और मंजिल जैसे कार्यक्रम युवाओं के भविष्य को बेहतर बनाने में ऐसे निवेश के लाभों को दर्शाते हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने इस बात पर ज़ोर दिया है कि आज की इतिहास की सबसे बड़ी युवा पीढ़ी में अपने भविष्य को गढ़ने की अपार क्षमता है। भारत की विकास यात्रा की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि वह युवाओं की आकांक्षाओं को किस हद तक समझता है और उन्हें अवसर प्रदान करता है, विशेषकर युवतियों को।