राजमार्ग निर्माण के लिए नई रणनीति
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजमार्गों, एक्सप्रेसवे और ग्रीनफील्ड कॉरिडोर के निर्माण के संबंध में राज्यों के लिए अपनी रणनीति को निश्चित लक्ष्यों से बदलकर फ्लोटिंग (floating) लक्ष्यों में बदल दिया है।
राज्यों के साथ सहयोग
- मंत्रालय राज्यों के साथ सहयोग करेगा तथा प्रत्येक राज्य से होकर गुजरने वाली अनेक परियोजनाओं की पेशकश करेगा।
- राज्य प्राथमिकता तय करेंगे कि किन परियोजनाओं पर काम करना है, जबकि पिछली पद्धति में परियोजनाएं केंद्र द्वारा सौंपी जाती थीं।
समय पर पूरा करने पर ध्यान
- इसका उद्देश्य भूमि अधिग्रहण और विनियामक मुद्दों के कारण होने वाली देरी से बचकर परियोजनाओं का समय पर पूरा होना सुनिश्चित करना है।
- फ्लोटिंग लक्ष्य भूमि अधिग्रहण और अन्य अनुमोदनों की प्रगति पर आधारित होंगे।
- इस दृष्टिकोण का उद्देश्य समय और लागत की अधिकता को रोकना है।
फ्लोटिंग लक्ष्यों के लाभ
- राज्यों को परियोजनाओं को अधिक तेजी से शुरू करने के लिए लचीलापन प्राप्त होगा तथा वे उन परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे जिनमें आवश्यक बुनियादी आवश्यकताएं पूरी हो चुकी हैं।
- इस रणनीति से केन्द्र और राज्य दोनों को लाभ होगा, जिससे वे परियोजनाओं को शीघ्र पूरा कर सकेंगे।
राज्य और केंद्र की भूमिकाएँ
- मंत्रालय भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के माध्यम से राजमार्ग निर्माण का कार्य संभालता है, जबकि राज्य भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और मंजूरी प्राप्त करने में सहायता करते हैं।
लक्ष्य और वित्तपोषण
- सरकार का लक्ष्य 2025-26 में 10,000 किलोमीटर राजमार्ग निर्माण का है, जो 2024-25 के 10,421 किलोमीटर लक्ष्य से थोड़ा कम है।
- चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रीकरण लक्ष्य 30,000 करोड़ रुपये है, जो पिछले वर्ष के 39,000 करोड़ रुपये के लक्ष्य से कम है।
- सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय केंद्रीय सड़क और अवसंरचना निधि (CRIF) योजना के तहत राज्य सड़क विकास के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को धन आवंटित करता है, जिसमें 2024-25 के लिए 9,030 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।