लद्दाख में आकाश प्राइम मिसाइल का परीक्षण
आकाश हथियार प्रणाली के उन्नत संस्करण, आकाश प्राइम मिसाइल का लद्दाख में सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया, जिसने हवाई उच्च गति वाले मानवरहित लक्ष्यों पर सटीकता से निशाना साधा। यह उपलब्धि भारत की वायु रक्षा क्षमताओं में, विशेष रूप से उच्च-ऊंचाई वाले क्षेत्रों में, वृद्धि का प्रतीक है।
पृष्ठभूमि और कवरेज
आकाश मिसाइल का मूल विकास 1980 के दशक के अंत में शुरू किए गए भारत के एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम का हिस्सा था।
मुख्य विशेषताएं और संवर्द्धन
- आकाश प्राइम की परिचालन सीमा 27 से 30 किलोमीटर तथा उड़ान ऊंचाई मूल संस्करण के समान ही 18 किलोमीटर है।
- इसमें बेहतर लक्ष्य सटीकता के लिए एक नया स्वदेशी सक्रिय रेडियो फ्रीक्वेंसी (आरएफ) साधक शामिल है।
- उच्च ऊंचाई पर कम तापमान वाले वातावरण के लिए बढ़ी हुई विश्वसनीयता, सशस्त्र बलों से प्राप्त फीडबैक को पूरा करना।
- 4,500 मीटर की ऊंचाई से ऊपर प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिए विशेष रूप से निर्मित।
विकास और परीक्षण
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और विभिन्न रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा विकसित आकाश प्रणाली 1980 के दशक के उत्तरार्ध से कई चरणों के परीक्षणों से गुजर चुकी है, जिसमें प्रारंभिक प्रणाली परीक्षण, क्षेत्र परीक्षण और भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा उपयोगकर्ता परीक्षण शामिल हैं।
महत्व और प्रभाव
- भारत के मिसाइल विकास कार्यक्रमों को बढ़ावा मिलेगा तथा वैश्विक रक्षा बाजार में इसकी स्थिति मजबूत होगी।
- मूलतः इसे एक साथ कई लक्ष्यों पर निशाना साधकर संवेदनशील क्षेत्रों और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए डिजाइन किया गया था।
- इलेक्ट्रॉनिक धोखे प्रणालियों का मुकाबला करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक काउंटर-काउंटर उपायों (ईसीसीएम) से लैस।