प्रधान मंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने 'महिला श्रम बल भागीदारी दर (LFPR) पर वर्किंग पेपर' प्रकाशित किया | Current Affairs | Vision IAS
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  • यह वर्किंग पेपर महिला श्रम बल भागीदारी दर (LFPR) का विश्लेषण करता है। इसके लिए इसने 2017-18 से 2022-23 तक आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) के आंकड़ों का उपयोग किया है। 
    • LFPR कुल आबादी में श्रम बल में शामिल व्यक्तियों का प्रतिशत है। इसमें 15 वर्ष से अधिक आयु के कार्यरत या काम की तलाश में लगे लोग या काम करने के लिए उपलब्‍ध लोग शामिल हैं।

वर्किंग पेपर के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर

  • वर्तमान स्थिति: लगभग सभी राज्यों में महिला LFPR में वृद्धि हुई है। हालांकि, इसमें भिन्नता भी देखी गई है।
    • ग्रामीण-शहरी भिन्नता: ग्रामीण महिला LFPR 24.6% से बढ़कर 41.5% हो गई है। इसमें लगभग 69% की वृद्धि हुई है। शहरी महिला LFPR 20.4% से मामूली रूप से बढ़कर 25.4% हो गई है। इसमें लगभग 25% की वृद्धि हुई है। 
    • क्षेत्रीय भिन्नता: झारखंड, बिहार जैसे राज्यों में महिला LFPR में उल्लेखनीय रूप से वृद्धि देखी गई है। गोवा और लक्षद्वीप में ग्रामीण महिला LFPR में मामूली गिरावट देखी गई है।
  • महिला LFPR को प्रभावित करने वाले कारक
    • आयु: महिला LFPR का वक्र घंटी के आकार का दिखाई देता है। इसका अर्थ है कि यह दर 20-30 वर्षों के दौरान बढ़ती है, 30-40 वर्षों के दौरान चरम पर होती है, और उसके बाद तेजी से घट जाती है।
      • पुरुष LFPR 30-50 की उम्र तक अधिकतम (लगभग 100%) रहती है, उसके बाद धीरे-धीरे कम होती जाती है।
    • विवाह: विवाह के कारण महिलाओं की LFPR में उल्लेखनीय कमी आती है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में यह गिरावट शहरी क्षेत्रों में काफी अधिक है।
    • अभिभावकता: 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों की उपस्थिति महिला LFPR को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करती है। इससे विशेष रूप से युवा महिलाएं (20-35 वर्ष आयु) और शहरी क्षेत्रों की महिलाएं अधिक प्रभावित होती हैं। 

महिला LFPR में सुधार के लिए शुरू की गई पहलें 

  • आर्थिक सशक्तीकरण: प्रधान मंत्री मुद्रा योजना (PMMY), स्टैंड-अप इंडिया योजना आदि योजनाएं संचालित की जा रही हैं। 
  • STEM में महिलाओं को बढ़ावा देना: विज्ञान और इंजीनियरिंग में महिलाएं- किरण (WISE-KIRAN), SERB-POWER (अन्वेषणात्मक अनुसंधान में महिलाओं के लिए अवसरों को बढ़ावा देना) आदि पहलें शुरू की गई हैं। 
  • कौशल विकास: "नमो ड्रोन दीदी" पहल शुरू की गई है। इसका उद्देश्य 15,000 महिला स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को ड्रोन उपलब्ध कराना है। महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान स्थापित किए जा रहे हैं।
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