इसरो ने PSLV-C59 रॉकेट से यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के प्रोबा-3 उपग्रहों को लॉन्च किया | Current Affairs | Vision IAS
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    इसरो ने PSLV-C59 रॉकेट से यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के प्रोबा-3 उपग्रहों को लॉन्च किया

    Posted 06 Dec 2024

    12 min read

    PSLV-C59 ने प्रोबा-3 मिशन को एक अत्यधिक दीर्घवृत्ताकार कक्षा (Highly Elliptical Orbit) में सफलतापूर्वक स्थापित किया है। यह न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) का एक समर्पित वाणिज्यिक मिशन था।

    • इसे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC-SHAR) से लॉन्च किया गया है।
    • यह 2001 में प्रोबा-1 मिशन के बाद यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी का भारत से पहला प्रक्षेपण है।
    • ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) तीसरी पीढ़ी का प्रक्षेपण यान है।
      • यह चार चरणों वाला यान है, जिसमें एक से अधिक उपग्रहों को अलग-अलग कक्षाओं में स्थापित करने की क्षमता है।

    प्रोबा-3 मिशन

    • यह एक इन-ऑर्बिट डेमोंस्ट्रेशन (IOD) मिशन है।
    • उद्देश्य: एक अभिनव सैटेलाइट फॉर्मेशन के माध्यम से सूर्य के कोरोना का निरीक्षण करना।
    • यह विश्व का पहला प्रिसाइज फॉर्मेशन उड़ान मिशन है।
      • इसमें दो उपग्रह एक निश्चित दूरी बनाए रखते हुए एक साथ उड़ान भरेंगे।
        • फॉर्मेशन उड़ान द्वारा लक्षित कक्षीय पथ को बनाए रखा जाता है।
      • इसमें कोरोनाग्राफ स्पेसक्राफ्ट (CSC) और ऑकुल्टर स्पेसक्राफ्ट (OSC) शामिल हैं।

    भारत के लिए वाणिज्यिक अंतरिक्ष प्रक्षेपणों के लाभ

    • वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में हिस्सेदारी बढ़ना: वर्तमान में, कुल वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में भारत की 2-3% हिस्सेदारी है।
    • राजस्व सृजन: विदेशी उपग्रहों के प्रक्षेपण से भारत ने 2022 तक 279 मिलियन डॉलर से अधिक का राजस्व अर्जित किया था।
    • सॉफ्ट पावर: वाणिज्यिक उपग्रह प्रक्षेपण को सॉफ्ट पावर का एक घटक माना जाता है।
      • इसे भू-राजनीतिक क्षेत्र में मजबूत कूटनीतिक संबंध बनाने के लिए उपयोग किया जा सकता है।
    • अन्य: इससे प्रौद्योगिकी हस्तांतरण सुगम हो सकता है, आदि।

    न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड के बारे में

    • अंतरिक्ष विभाग ने इसरो की वाणिज्यिक गतिविधियों को संभालने के लिए 2019 में इसकी स्थापना की थी।
    • इसकी प्राथमिक जिम्मेदारी भारतीय उद्योगों को उच्च प्रौद्योगिकी आधारित अंतरिक्ष संबंधी गतिविधियां शुरू करने में मदद करना है।
    • इसके अलावा, यह इसरो को भविष्य की अंतरिक्ष गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करने में भी सक्षम बनाता है।

    भारत की वाणिज्यिक प्रक्षेपण क्षमता को सुगम बनाने वाली प्रमुख पहलें

    • IN-SPACe (भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्राधिकरण केंद्र) की स्थापना की गई है।
    • भारतीय अंतरिक्ष नीति, 2023 लागू की गई है। 
    • स्काईरूट एयरोस्पेस, अग्निकुल कॉसमॉस जैसे निजी अंतरिक्ष क्षेत्रक संबंधी स्टार्ट-अप्स और उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है। 
    • लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (SSLV) का विकास किया गया है।
    • Tags :
    • ISRO
    • PSLV
    • लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (SSLV)
    • प्रोबा-3 मिशन
    • इन-ऑर्बिट डेमोंस्ट्रेशन (IOD) मिशन
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