भारत ने अन्वेषण लाइसेंस व्यवस्था के तहत महत्वपूर्ण खनिजों के लिए पहली अन्वेषण लाइसेंस नीलामी शुरू की | Current Affairs | Vision IAS
मेनू
होम

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए प्रासंगिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विकास पर समय-समय पर तैयार किए गए लेख और अपडेट।

त्वरित लिंक

High-quality MCQs and Mains Answer Writing to sharpen skills and reinforce learning every day.

महत्वपूर्ण यूपीएससी विषयों पर डीप डाइव, मास्टर क्लासेस आदि जैसी पहलों के तहत व्याख्यात्मक और विषयगत अवधारणा-निर्माण वीडियो देखें।

करंट अफेयर्स कार्यक्रम

यूपीएससी की तैयारी के लिए हमारे सभी प्रमुख, आधार और उन्नत पाठ्यक्रमों का एक व्यापक अवलोकन।

ESC

अन्वेषण लाइसेंस की शुरुआत खान और खनिज (विकास और विनियमन) (MMDR) संशोधन अधिनियम, 2023 के लागू होने के बाद की गई है। यह कदम 29 महत्वपूर्ण और गहराई में मौजूद खनिजों को खोजने एवं पूर्वेक्षण में निजी भागीदारी की अनुमति देने के लिए उठाया गया है। 

  • यह नीलामी 13 अन्वेषण लाइसेंस ब्लॉक्स पर केंद्रित होगी। इनमें दुर्लभ भू-तत्व (Rare Earth Elements), जस्ता, तांबा और हीरे जैसे महत्वपूर्ण खनिज शामिल हैं। 
  • नीलामी का उद्देश्य खनिज अन्वेषण में तेजी लाना, निवेश आकर्षित करना, आयात कम करना और स्वच्छ ऊर्जा एवं उद्योग का समर्थन करना है। 

महत्वपूर्ण (क्रिटिकल) खनिजों के बारे में 

  • किसी खनिज को महत्वपूर्ण या क्रिटिकल तब माना जाता है, जब आपूर्ति की कमी का जोखिम और अर्थव्यवस्था पर उसका संबंधित प्रभाव अन्य कच्चे माल की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक होता है।
  • इनमें धात्विक तथा अधात्विक, दोनों तरह के तत्व शामिल हैं। गौरतलब है कि इन तत्वों की किसी भी देश की आर्थिक या राष्ट्रीय सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है।
  • खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम (1957) के जरिए केंद्र सरकार को महत्वपूर्ण खनिजों के लिए खनन पट्टे एवं समग्र लाइसेंस की नीलामी करने का अधिकार प्रदान किया गया है। 
  • उपयोग:
    • स्वच्छ प्रौद्योगिकियां: जैसे इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, बैटरी, संक्षारण प्रतिरोधी मिश्र धातु आदि में कोबाल्ट का उपयोग।
    • सूचना और संचार: जैसे सेमीकंडक्टर्स, इंटीग्रेटेड सर्किट्स और LED में गैलियम का उपयोग।
    • एडवांस मैन्युफैक्चरिंग: जैसे सुपर एलॉय, कैटेलिस्ट प्रीकर्सर आदि में हैफनियम का उपयोग। 

महत्वपूर्ण खनिजों के खनन से जुड़ी चिंताएं

  • यदि खनन को सही तरीके से प्रबंधित नहीं किया गया, तो यह जल संसाधनों को गंभीर रूप से प्रदूषित और समाप्त कर सकता है।
    • महत्वपूर्ण खनिजों की 16% खदानें, भंडार और जिले अत्यधिक जल संकटग्रस्त क्षेत्रों में स्थित हैं। 
  • उच्च अन्वेषण लागत और सीमित निवेश।
  • भू-राजनीतिक चुनौतियां, जैसे चिली और पेरू में खनन उद्योग को क्षेत्रीय राजनीतिक अस्थिरता से उत्पन्न होने वाले जोखिमों का सामना करना पड़ रहा है।
Watch Video News Today
Title is required. Maximum 500 characters.

Search Notes

Filter Notes

Loading your notes...
Searching your notes...
Loading more notes...
You've reached the end of your notes

No notes yet

Create your first note to get started.

No notes found

Try adjusting your search criteria or clear the search.

Saving...
Saved

Please select a subject.

Referenced Articles

linked

No references added yet

Subscribe for Premium Features