पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना (PMSGMBY) नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) के तहत शुरू की गई है। इसे 2024 में शुरू किया गया था। यह ‘दुनिया की सबसे बड़ी घरेलू रूफटॉप सौर ऊर्जा पहल’ है। यह पहल भारत के ऊर्जा परिदृश्य में परिवर्तन ला रही है।
- PMSGMBY के तहत सरकार ने 6.13 लाख लाभार्थियों को 4,770 करोड़ रुपये की सब्सिडी वितरित की है।
- चंडीगढ़ तथा दमन और दीव ने अपने सरकारी भवनों पर सोलर पैनल लगाने का 100 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया है।
- गुजरात सोलर रूफटॉप इंस्टॉलेशन में शीर्ष प्रदर्शन करने वाला राज्य है। इसके बाद केरल और उत्तर प्रदेश का स्थान आता है।
PMSGMBY के बारे में
- उद्देश्य:
- घरों पर रूफटॉप सोलर (RTS) प्रणाली स्थापित करना।
- 1 करोड़ परिवारों को प्रति माह 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्रदान करना।
- अवधि: इसे वित्त वर्ष 2026-27 तक लागू किया जाएगा।
- पात्रता: केवल आवासीय उपभोक्ता या आवासीय कल्याण समितियां (RWAs)।
- आवासीय परिवारों को-
- 2 किलोवाट तक 30,000 रुपये प्रति किलोवाट,
- 3 किलोवाट तक अतिरिक्त क्षमता के लिए 18,000 रुपये प्रति किलोवाट, तथा
- 3 किलोवाट से अधिक क्षमता के लिए 78,000 रुपये की कुल सब्सिडी मिलती है।
- RWAs को सामान्य सुविधाओं के लिए 18,000 रुपये प्रति किलोवाट की सब्सिडी मिलती है।
- आवासीय परिवारों को-
- वित्त-पोषण: 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से 6.75% की रियायती ब्याज दर पर 2 लाख रुपये तक का जमानत-मुक्त (Collateral-free) ऋण प्रदान किया जाता है।
- आदर्श सौर ग्राम का निर्माण: PMSGMBY के तहत हर जिले में एक गांव को आदर्श सौर ग्राम के रूप में विकसित किया जाएगा, ताकि सौर ऊर्जा को अपनाने को बढ़ावा दिया जा सके।
- इसके लिए पात्रता प्राप्त करने हेतु गांव को 5,000+ जनसंख्या (विशेष श्रेणी के राज्यों में 2,000+) वाला राजस्व गांव होना चाहिए।
PMSGMBY का प्रभाव
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