इसरो ने स्पेडेक्स उपग्रह को सफलतापूर्वक अनडॉक किया | Current Affairs | Vision IAS
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    इसरो ने स्पेडेक्स उपग्रह को सफलतापूर्वक अनडॉक किया

    Posted 17 Mar 2025

    11 min read

    इससे पहले, इसरो ने जनवरी 2025 में SDX01 (चेजर) और SDX02 (टारगेट) नामक दो उपग्रहों की सफलतापूर्वक डॉकिंग की थी।

    • इस उपलब्धि के साथ भारत संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन के बाद अंतरिक्ष में डॉकिंग तकनीक प्रदर्शित करने वाला चौथा देश बन गया।

    स्पेडेक्स (SpaDeX) मिशन के बारे में

    • इसका उद्देश्य: 
      • अंतरिक्ष में दो छोटे उपग्रहों SDX01 (चेजर) और SDX02 (टारगेट) की  डॉकिंग; 
      • स्वतः संचालित तरीके से दूसरे उपग्रह (टारगेट) के पास आना एवं उससे सटीकता के साथ जुड़ जाना; तथा 
      • अनडॉकिंग क्षमताओं को विकसित और प्रदर्शित करना है।
    • इन उपग्रहों को PSLV-C60 रॉकेट के जरिए लॉन्च किया गया था।
    • स्पेडेक्स अंतरिक्ष यान को यू.आर. राव सैटेलाइट सेंटर (URSC), बेंगलुरु द्वारा इसरो के अन्य केंद्रों (VSSC, LPSC, SAC, IISU, और LEOS) के सहयोग से डिजाइन एवं निर्मित किया गया है।
      • URSC वर्ष 1976 में स्थापित इसरो का प्रमुख केंद्र है। यह संचार, नेविगेशन, रिमोट सेंसिंग और वैज्ञानिक परीक्षण संबंधी छोटे उपग्रहों को डिजाइन, विकसित, असेम्बल व एकीकृत करने का कार्य करता है।

    स्पेडेक्स में तकनीकी नवाचार पर एक नजर

    • डॉकिंग मैकेनिज्म: इसमें अंतरिक्ष यान के बीच सुचारू कनेक्शन के लिए कम-से-कम झटकों के साथ एंड्रोजिनस डॉकिंग प्रणाली शामिल है।
    • इंटर-सैटेलाइट कम्युनिकेशन लिंक (ISL): यह उपग्रहों के बीच वास्तविक समय में डेटा हस्तांतरण को सक्षम बनाता है ।
    • GNSS-आधारित सापेक्ष कक्षा निर्धारण: यह डॉकिंग के दौरान सटीक नेविगेशन और नियंत्रण सुनिश्चित करता है।
    • पावर ट्रांसफर टेक्नोलॉजी: यह डॉक किए गए उपग्रहों के बीच पावर या ऊर्जा के ट्रांसफर को संभव बनाती है।
    • ऑटोनोमस रेंडेज़वस और डॉकिंग एल्गोरिदम: इसका उपयोग कक्षा में उपग्रहों के मध्य सटीक सापेक्ष अवस्थिति और वेग निर्धारित करने के लिए किया जाता है।

    डॉकिंग के बाद के किए जाने वाले कार्य 

    • डॉकिंग और अनडॉकिंग के बाद, उपग्रह स्वतंत्र पेलोड के रूप में अपने निम्नलिखित कार्यों को  जारी रखेंगे:
      • हाई-रिज़ॉल्यूशन इमेजिंग (SDX01 या चेंजर): पृथ्वी के पर्यवेक्षण के लिए इमेज को कैप्चर करना।
      • मल्टी-स्पेक्ट्रल पेलोड (SDX02 या टारगेट): प्राकृतिक संसाधनों और वनस्पति की निगरानी करना।
      • रेडिएशन मॉनिटरिंग (SDX02): भविष्य के मानव युक्त मिशनों के लिए अंतरिक्ष संबंधी विकिरण का अध्ययन करना।
    • Tags :
    • PSLV-C60
    • स्पेडेक्स
    • यू.आर. राव सैटेलाइट सेंटर
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