अनिश्चितकाल के लिए स्थगन (Adjournment Sine Die) | Current Affairs | Vision IAS
News Today Logo

साथ ही खबरों में

Posted 05 Apr 2025

38 min read

अनिश्चितकाल के लिए स्थगन (Adjournment Sine Die)

लोक सभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। इसके साथ ही मौजूदा बजट सत्र का समापन हो गया।

अनिश्चितकालीन स्थगन के बारे में:

  • ‘Sine Die’ एक लैटिन शब्दावली है, जिसका अर्थ है “अगली बैठक के लिए कोई तिथि निर्धारित किए बिना।
  • संसदीय मामले में, “अनिश्चितकाल के लिए स्थगन” का अर्थ है संसद के किसी सत्र का समापन, बिना यह निर्धारित किए कि अगली बैठक फिर से कब शुरू होगी
  • स्थगन की घोषणा करने का अधिकार: स्थगन की घोषणा पीठासीन अधिकारी करता है। बाद में संविधान के अनुच्छेद 85 के अंतर्गत राष्ट्रपति अधिसूचना जारी करके सदन का सत्रावसान (prorogue) करता है। इससे जारी सत्र आधिकारिक रूप से समाप्त होता है।
  • लंबित कार्यों/ विधेयकों पर प्रभाव:
    • सत्रावसान वाले सदन में लंबित सभी विधेयकों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
    • अधिकांश अभ्यावेदन या नोटिस (जैसे प्रश्न, प्रस्ताव, या संकल्प) समाप्त माने जाते हैं और उन्हें अगले सत्र में फिर से प्रस्तुत करना पड़ता है, जब तक कि कोई अन्य व्यवस्था न हो।
  • Tags :
  • स्थगन
  • अनिश्चितकालीन स्थगन

संविधान का अनुच्छेद 311

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड राज्य बनाम रुक्मा केश मिश्रा मामले में स्पष्ट किया कि संविधान का अनुच्छेद 311(1) राज्य के किसी कर्मचारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने के लिए नियुक्त करने वाले प्राधिकारी (संगठन) की मंजूरी अनिवार्य नहीं करता है। 

  • हालांकि, कर्मचारी की बर्खास्तगी के लिए अनुच्छेद 311(1) के तहत नियुक्त करने वाले प्राधिकारी की मंजूरी आवश्यक होती है।

अनुच्छेद 311 के बारे में 

  • यह अनुच्छेद संघ या राज्य के तहत सिविल अधिकारी के रूप में कार्यरत व्यक्तियों की बर्खास्तगी, पद से हटाने या पदावनत करने से संबंधित है। 
  • अनुच्छेद 311(1): नियुक्त करने वाले प्राधिकारी के अधीनस्थ किसी भी प्राधिकारी द्वारा सिविल सेवा के सदस्यों को न तो बर्खास्त किया जा सकता है या न ही हटाया जा सकता है। 
  • अनुच्छेद 311(2): जांच के बाद सुनवाई का उचित अवसर देने के बाद सिविल सेवा के सदस्यों को बर्खास्त किया जा सकता है या पद से हटाया जा सकता है या पदावनत किया जा सकता है।
  • Tags :
  • अनुच्छेद 311
  • सिविल अधिकारी

क्वाड-HADR

म्यांमार में भूकंप से प्रभावित लोगों की सहायता के लिए मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (HADR) पर क्वाड साझेदारी ने संयुक्त बयान जारी किया।  

  • क्वाड ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी है। इसकी उत्पति 2004 में आई हिंद महासागर सुनामी से जुड़ी हुई है, जब इन देशों ने राहत कार्यों में सहयोग किया था।

क्वाड HADR के बारे में:

  • पृष्ठभूमि: ‘हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मानवीय सहायता एवं आपदा राहत हेतु क्वाड साझेदारी’ के लिए दिशा-निर्देश 2022 में टोक्यो में घोषित किए गए थे।
  • उद्देश्य:
    • हिंद-प्रशांत क्षेत्र में किसी भी प्रकार के संकट से निपटने के लिए कार्रवाई करना।
    • सदस्य देशों की क्षमता और दक्षता को बढ़ाना।
    • HADR अभियानों के संचालन में पारस्परिक सहयोग और समन्वय को मजबूत करना।
  • Tags :
  • क्वाड-HADR

हंस-3 (NG)

वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय एयरोस्पेस प्रयोगशाला (CSIR-NAL) ने निजी कंपनी के साथ हंस ट्रेनर-प्लेन के निर्माण के लिए एक निजी कंपनी के साथ प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौते पर हस्ताक्षर किए।

  • यह पहली बार है, जब भारत में पूरी तरह स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित की गई तकनीक के आधार पर कोई विमान निर्मित किया जाएगा।

हंस-3 (NG) के बारे में:

  • मुख्य विशेषताएं:
    • यह अत्याधुनिक ईंधन दक्ष रोटैक्स 912 iSc3 स्पोर्ट्स इंजन से संचालित है।
    • 620 नॉटिकल मील की उड़ान सीमा, 7 घंटे की उड़ान क्षमता (endurance), और 98 नॉट्स कैलिब्रेटेड एयरस्पीड (KCAS) की अधिकतम क्रूज़ गति।
  • महत्त्व:
    • यह विश्वस्तरीय और बड़े पैमाने पर फ्लाइंग ट्रेनिंग इकोसिस्टम की सुविधा प्रदान करेगा।
    • यह भारत के विमानन क्षेत्रक को मजबूती प्रदान करेगा और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में अहम कदम सिद्ध होगा। 
  • Tags :
  • हंस-3
  • NAL

वन हेल्थ एप्रोच

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने इंसान के पक्षियों के संपर्क में आने से ज़ूनोटिक रोगों के संक्रमण (Zoonotic spillover) की पहचान हेतु 'वन हेल्थ एप्रोच' पर अध्ययन शुरू किया। 

  • ज़ूनोटिक स्पिलओवर का अर्थ है – किसी कशेरुकी (vertebrate) जानवर से इंसान में किसी रोग का फैलना।

वन हेल्थ एप्रोच के बारे में:

  • यह मनुष्य, जानवर और पर्यावरण के स्वास्थ्य को एकीकृत तरीके से देखने तथा थ इनसे जुड़ी बीमारियों से निपटने के लिए समेकित उपाय करने वाली एप्रोच है।
  • यह एप्रोच विश्व में स्वास्थ्य से जुड़े खतरों की रोकथाम, पूर्वानुमान, पहचान और प्रतिक्रिया में मदद करती है।
  • भारत का राष्ट्रीय वन हेल्थ मिशन: यह देश में ‘वन हेल्थ’ से संबंधित सभी गतिविधियों का समन्वय, समर्थन और एकीकरण सुनिश्चित करता है।
  • Tags :
  • वन हेल्थ एप्रोच
  • ज़ूनोटिक रोगों के संक्रमण

ट्यूलिप

वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) - भारतीय समवेत औषध संस्थान (IIIM) फील्ड स्टेशन बोनिरा, जम्मू, ट्यूलिप पुष्पों को देशी स्तर पर विकसित (स्वदेशीकरण) करने का प्रयास कर रहा है।

  • इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्यूलिप गार्डन, श्रीनगर एशिया का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन है।

ट्यूलिप के बारे में

  • मूल उत्पत्ति: मध्य एशिया और तुर्की।
  • विशेषताएं: यह एक कंदयुक्त जड़ी-बूटी है और लिली परिवार का हिस्सा है। यह बाग-बगीचे में पाया जाने वाला लोकप्रिय पुष्प है, जो कई रंगों में पाया जाता है।
    • इसके पुष्प सीधे होते हैं और इसकी पत्तियां लंबी, चौड़ी और समानांतर शिरे वाली (Veined) होती हैं।
  • जलवायु: ठंडे क्षेत्रों में इसे जमीन जमने से पहले लगाया जाता है। गर्म जलवायु वाले क्षेत्रों में इसे हर साल लगाया जाता है।
  • मिट्टी: इसके लिए अच्छी तरह से निकास वाली दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है।
  • Tags :
  • ट्यूलिप
  • कंदयुक्त जड़ी-बूटी

कोच-राजबोंग्शी समुदाय

असम कैबिनेट ने निर्णय लिया है कि कोच-राजबोंग्शी समुदाय के खिलाफ विदेशी विषयक अधिकरणों (FTs) में चल रहे मामलों को वापस लिया जाएगा।

कोच-राजबोंग्शी समुदाय के बारे में

  • पृष्ठभूमि: इस समुदाय का संबंध कामता साम्राज्य से है। इसमें वर्तमान असम, पश्चिम बंगाल, नेपाल और बांग्लादेश के कुछ हिस्से शामिल थे। 
    • कामता साम्राज्य कोच राजवंश द्वारा शासित था। कामता साम्राज्य का उदय पाल वंश के पतन के बाद प्राचीन कामरूप साम्राज्य (13वीं शताब्दी) के पश्चिमी भाग में हुआ था।
  • भाषा: ये लोग राजबंशी/ राजबोंग्शी भाषा बोलते हैं, जिसे कामतापुरी भी कहा जाता है। 2001 की जनगणना के अनुसार, लगभग 1 करोड़ लोग यह भाषा बोलते हैं।
  • सांस्कृतिक प्रथाएं: पहले यह समुदाय प्रकृति पूजक (एनीमिज्म) था। हालांकि, बाद में इसने हिंदू धर्म अपना लिया। समुदाय का एक छोटा हिस्सा ईसाई धर्म भी मानता है।
  • Tags :
  • कोच-राजबोंग्शी समुदाय
  • कामता साम्राज्य

वाट फो मंदिर

भारतीय प्रधान मंत्री ने हाल ही में वाट फ्रा चेतुफोन विमोन मंगखालाराम राजवारामाहाविहान या वाट फो मंदिर का दौरा किया।

वाट फो मंदिर के बारे में

  • अवस्थिति: यह बौद्ध मंदिर बैंकॉक के रत्तनकोसिन द्वीप पर स्थित है।
  • प्रसिद्ध: यह मंदिर 46 मीटर लंबी स्वर्ण लेपित लेटे हुए बुद्ध की मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है, जो बुद्ध के पूर्ण आध्यात्मिक ज्ञान में प्रवेश को दर्शाती है।
  • महत्त्व: इसे थाईलैंड का "प्रथम श्रेणी का शाही मंदिर" माना जाता है। यह पारंपरिक थाई चिकित्सा और मसाज की जन्मस्थली है। इसे थाईलैंड का पहला विश्वविद्यालय भी माना जाता है।
  • इतिहास: यह राजा राम प्रथम (चकरी राजवंश) के शासनकाल के दौरान निर्मित सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है।
    • राजा राम तृतीय ने इसे और अधिक विस्तारित एवं बड़े पैमाने पर पुनर्निर्मित करवाया था। 
  • Tags :
  • वाट फो मंदिर
  • राजा राम प्रथम
  • चकरी राजवंश
Watch News Today
Subscribe for Premium Features