स्वीकृत मॉडल के तहत एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) नामक 5वीं पीढ़ी के स्वदेशी लड़ाकू जेट विमान के निर्माण के लिए HAL के साथ-साथ निजी उद्योग भी भाग ले सकते हैं।
- वर्तमान में केवल अमेरिका (F-22 और F-35), रूस (सुखोई Su-57) और चीन (चेंगदू J-20) ने ही परिचालन योग्य पांचवीं पीढ़ी के विमान विकसित किए हैं।
AMCA कार्यक्रम का विवरण: स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान
- पृष्ठभूमि: 2024 में सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति (CCS) से अनुमोदन प्राप्त हुआ।
- CCS का नेतृत्व प्रधानमंत्री करते हैं और इसके सदस्य आमतौर पर गृह मंत्री, रक्षा मंत्री, वित्त मंत्री और विदेश मंत्री होते हैं।
- प्रमुख एजेंसी: DRDO के तहत एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA)।
- मुख्य क्षमताएँ: सुपरक्रूज, इंटरनल वेपन बे, सेंसर फ़्यूज़न, AI-संचालित एवियोनिक्स, रडार-अब्सॉर्बिंग कंपोनेंट आदि।
- समय-सीमा: पहला प्रोटोटाइप 2028-29 तक अपेक्षित; 2034 में इसे भारतीय वायु सेना में शामिल करने की योजना है।
- वेरिएंट: GE-F414 इंजन के साथ AMCA Mk1; स्वदेशी इंजन के साथ Mk2 की योजना बनाई गई है।
5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों की मुख्य विशेषताएं
- दो-इंजनों से संचालित: विशेष रूप से रात में एक इंजन के विफल होने की स्थिति में एक दोहरे इंजन वाला प्लेटफ़ॉर्म हवाई सुरक्षा और सर्वाइवल का उच्च स्तर प्रदान करता है।
- स्टील्थ क्षमताएं: ये लड़ाकू विमान लो-प्रोबेबिलिटी-ऑफ-इंटरसेप्ट रडार (LPIR) से लैस होते हैं और दुश्मन के रडार द्वारा इनका पता लगाना कठिन होता है।
- सुपरक्रूज के साथ अति सक्रिय एयरफ्रेम: उच्च गतिशीलता और आफ्टरबर्नर के बिना सुपरसोनिक गति से उड़ान भरने की क्षमता।
- एडवांस एवियोनिक्स: उच्च तकनीक वाले इलेक्ट्रॉनिक संचार, टारगेटिंग और नियंत्रण प्रणाली।
- इंटीग्रेटेड कंप्यूटर सिस्टम: अन्य प्रणालियों के साथ नेटवर्किंग को सक्षम बनाती हैं, जिससे पायलटों को बिना किसी युद्धाभ्यास के 360 डिग्री युद्धक्षेत्र का दृश्य मिलता है।
स्वदेशी 5वीं पीढ़ी के विमानों का सामरिक महत्त्व और क्षेत्रीय प्रासंगिकता
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