उन्होंने इंडियाAI मिशन के तहत प्रस्तावों के लिए आह्वान भी किया है। इसमें भारतीय डेटासेट का उपयोग करके स्वदेशी फ़ाउंडेशनल AI मॉडल के विकास में सहयोग करने के लिए स्टार्ट-अप्स, शोधकर्ताओं और उद्यमियों को आमंत्रित किया गया है।
भारतीय AI मॉडल की विशेषताएं
- ग्राफ़िक्स प्रोसेसिंग यूनिट्स (GPUs): शुरुआत में इसे 10,000 GPUs के साथ लॉन्च किया जाएगा। इसे आगे बढ़ाकर 18,693 GPUs करने की योजना है।
- GPU एक विशेष प्रकार का प्रोसेसर है, जो एक साथ कई डेटा को प्रोसेस कर सकता है। इससे वे मशीन लर्निंग, वीडियो एडिटिंग आदि के लिए उपयोगी हो जाते हैं।
- लागत प्रभावी: 40% सरकारी सब्सिडी के बाद भारत के AI मॉडल कम्प्यूटेशन की लागत 100 रुपये प्रति घंटा से भी कम होगी। वर्तमान में, वैश्विक मॉडल कम्प्यूटेशन की लागत 2.5 से 3 डॉलर प्रति घंटा है।
- बहुआयामी उपयोग: स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, कृषि, जलवायु और शासन-व्यवस्था जैसे क्षेत्रकों में स्केलेबल एवं प्रभावशाली AI समाधान बनाया जा सकता है।
स्वदेशी AI मॉडल्स की आवश्यकता क्यों है?
- नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा देना: वैश्विक मानकों को प्राप्त करने और भारत के संदर्भ में विशिष्ट चुनौतियों से निपटने व अवसरों का लाभ उठाने के लिए स्वदेशी AI मॉडल्स जरूरी हैं।
- नैतिक AI पर ध्यान केंद्रित करना: नैतिक AI पद्धतियों को प्राथमिकता देने; समावेशिता व निष्पक्षता सुनिश्चित करने और पूर्वाग्रहों के उन्मूलन पर ध्यान केंद्रित करने तथा देश की सांस्कृतिक व सामाजिक विविधता को ध्यान में रखते हुए पूर्वाग्रहों से निपटने के लिए आवश्यक हैं।
- डिजिटल संप्रभुता को मजबूत करना: अपनी डिजिटल अवसंरचना को नियंत्रित करने की राष्ट्र की क्षमता को बढ़ाने के लिए स्वदेशी AI मॉडल्स जरूरी हो जाते हैं। साथ ही, डेटा से लेकर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर तक संपूर्ण AI आपूर्ति श्रृंखला पर नियंत्रण करने के लिए भी आवश्यक हो जाते हैं।
- सुरक्षा और डेटा संरक्षण: AI पूर्वाग्रहों को कम करने, व्याख्यात्मक AI फ्रेमवर्क और AI निजता रणनीतियों सहित सुरक्षा पहलें (विदेशी ML मॉडल से डेटा की सुरक्षा सहित) सुनिश्चित करने आदि के लिए स्वदेशी AI मॉडल्स की आवश्यकता है।
स्वदेशी AI मॉडल्स विकसित करने की भारतीय पहलें
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