यह घोषणा एग्री स्टैक पर राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान की गई है। इसमें किसान रजिस्ट्रियों और कानूनी उत्तराधिकारी प्रणालियों के विकास के लिए 4,000 करोड़ रुपये तथा डिजिटल फसल सर्वेक्षण करने के लिए 2,000 करोड़ रुपये का प्रावधान शामिल है।
डिजिटल कृषि मिशन (DAM) के बारे में
- यह मिशन 2024 में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य किसान-केंद्रित डिजिटल समाधानों के लिए एक मजबूत डिजिटल कृषि इकोसिस्टम बनाना तथा समय पर एवं विश्वसनीय फसल-संबंधी जानकारी उपलब्ध कराना है।
- इसके अंतर्गत कृषि के लिए डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (DPI) जैसे- एग्री स्टैक, कृषि निर्णय सहायता प्रणाली, व्यापक मृदा उर्वरता और प्रोफाइल मानचित्र, आदि के निर्माण की परिकल्पना की गई है।

एग्री स्टैक के बारे में
- किसानों को आधार कार्ड के समान एक डिजिटल पहचान दी जाएगी, जो राज्य के भूमि रिकॉर्ड, पशुधन स्वामित्व आदि से जुड़ी होगी। इसमें केंद्र और राज्य सरकारों/ केंद्र शासित प्रदेशों के बीच सहयोग सुनिश्चित करने के लिए ‘संघीय संरचना' बनाई गई है।
डिजिटल कृषि पर अन्य पहलें
- कृषि निर्णय सहायता प्रणाली (2024): यह भू-स्थानिक और गैर-भू-स्थानिक डेटा को एकीकृत और मानकीकृत करती है। इसमें उपग्रह से प्राप्त, मौसम संबंधी व मृदा संबंधी डेटा भी शामिल है।
- राष्ट्रव्यापी मृदा संसाधन मानचित्रण परियोजना: यह पहल भारतीय मृदा और भूमि उपयोग सर्वेक्षण (SLUSI) ने शुरू की है। इसके तहत ग्राम स्तर पर मृदा का वर्गीकरण किया जाता है।
- DGCES (डिजिटल सामान्य फसल अनुमान सर्वेक्षण): इसका उद्देश्य संपूर्ण सामान्य फसल अनुमान सर्वेक्षण (GCES) प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और स्वचालित करना है।
सम्मेलन के अन्य प्रमुख परिणामों पर एक नजर
|