भारत ने कनानस्किस में आयोजित 51वें G-7 शिखर सम्मेलन (2025) में एक आउटरीच देश के रूप में भाग लिया।
51वें G-7 शिखर सम्मेलन (2025) के परिणाम:
- कनानस्किस वाइल्डफायर चार्टर: इसके तहत 2030 तक वैश्विक स्तर पर वनों की कटाई तथा वन और भूमि क्षरण को रोकने एवं उसे ठीक करने पर सहमति जताई गई है। यह चार्टर पूर्व में की गई प्रतिबद्धताओं जैसे- ग्लासगो लीडर्स डिक्लेरेशन ऑन फॉरेस्ट्स एंड लैंड यूजज, 2021 के अनुरूप है।
- भारत ने इस चार्टर का समर्थन किया है।
- G-7 क्रिटिकल मिनरल्स एक्शन प्लान लॉन्च किया गया: यह एक्शन प्लान 2023 में जापान की G-7 अध्यक्षता के दौरान क्रिटिकल मिनरल्स सुरक्षा के लिए बनाए गए पांच बिंदुओं पर आधारित है। भारत ने इसका भी समर्थन किया है।
- इसके अलावा, G-7 देशों ने विश्व बैंक के नेतृत्व वाले रेसिलिएंट एंड इंक्लूसिव सप्लाई चेन एन्हांसमेंट (RISE) साझेदारी को मजबूत करने की भी प्रतिबद्धता जताई।
- G-7 ने ट्रांसनेशनल रिप्रेशन (TNR) की निंदा की: TNR एक प्रकार का उग्र विदेशी हस्तक्षेप है। इसमें कोई देश या उसकी एजेंसियां देश की सीमाओं से बाहर के लोगों या समुदायों को डराने, धमकाने या नुकसान पहुंचाने की कोशिश करती हैं।
- प्रवासी तस्करी रोकने की प्रतिबद्धता: इसे रोकने और इससे निपटने के लिए G-7 कोएलिशन टू प्रिवेंट एंड काउंटर द स्मगलिंग ऑफ माइग्रेंट्स और 2024 G-7 एक्शन प्लान टू प्रिवेंट एंड काउंटर द स्मगलिंग ऑफ माइग्रेंट्स शुरू किए गए।
- G-7 के अध्यक्ष के रूप में कनाडा ने G-7 GovAI ग्रैंड चैलेंज लांच किया। साथ ही, वह सार्वजनिक क्षेत्रक के भीतर AI को अपनाने में आने वाली रुकावटों को दूर करने के लिए नवोन्मेषी व मापन योग्य समाधानों को विकसित करने हेतु "रैपिड सॉल्यूशन लैब्स" की एक श्रृंखला की मेजबानी भी करेगा।
- इसका उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र के ग्लोबल डिजिटल कॉम्पैक्ट के अनुरूप डिजिटल डिवाइड की समस्या का समाधान करना है।
G-7 आउटरीच सत्र को संबोधित करते हुए, प्रधान मंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सामने कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न प्रस्तुत किए:
G-7 शिखर सम्मेलन के बारे में:
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