ग्रीन इंडिया मिशन (GIM) के संशोधित मिशन डॉक्यूमेंट्स जारी किए गए | Current Affairs | Vision IAS
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ग्रीन इंडिया मिशन (GIM) के संशोधित मिशन डॉक्यूमेंट्स जारी किए गए

Posted 18 Jun 2025

13 min read

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) ने 17 जून को विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम दिवस के अवसर पर ग्रीन इंडिया मिशन से संबंधित नए डॉक्यूमेंट्स जारी किए।

ग्रीन इंडिया मिशन के बारे में

  • शुरुआत: ग्रीन इंडिया मिशन की शुरुआत 2011 में हुई थी। यह राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन कार्य योजना (NAPCC) के आठ मिशनों में शामिल है।
  • उद्देश्य: 
    • वन/ गैर-वन क्षेत्रों में वन और वृक्ष आवरण में वृद्धि करना: मिशन के तहत 24 मिलियन हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में वृक्षारोपण का लक्ष्य रखा गया है।
    • पारिस्थितिकी-तंत्र सेवाओं में सुधार करना: इसमें वायुमंडल से कार्बन का अवशोषण और भंडारण भी शामिल हैं।
    • वर्ष 2030 तक 2.5 से 3.0 बिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) के समतुल्य अतिरिक्त कार्बन सिंक का निर्माण करना, आदि।
  • ग्रीन इंडिया मिशन के तीन उप-मिशन निम्नलिखित हैं:
    • वन क्षेत्र की गुणवत्ता और पारिस्थितिकी-तंत्र सेवाओं में सुधार;
    • वन/ वृक्ष आवरण बढ़ाना और पारिस्थितिकी-तंत्र की पुनर्बहाली; तथा 
    • वनों पर निर्भर समुदायों की आय और आय-स्रोतों को बढ़ाना।
  • वित्त-पोषण: आंशिक वित्त-पोषण मिशन के लिए आवंटित राशि से और शेष वित्त-पोषण ‘राष्ट्रीय प्रतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (CAMPA)’ से प्राप्त होगा।
  • क्रियान्वयन अवधि: 10 वर्ष (2021 से 2030 तक)।
  • क्रियान्वयन एजेंसी: यह मिशन बॉटम-अप मॉडल पर आधारित है। संयुक्त वन प्रबंधन समितियां (JFMCs) इस मिशन की प्रमुख क्रियान्वयन एजेंसियां हैं। 

ग्रीन इंडिया मिशन की प्रमुख रणनीतियां

{ये रणनीतियां भारत की राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC) प्रतिबद्धताओं से संबद्ध हैं}:

  • सूक्ष्म पारिस्थितिकी-तंत्र पद्धति को अपनाना: यह मिशन अरावली, पश्चिमी घाट, उत्तर-पश्चिम भारत के शुष्क क्षेत्र, मैंग्रोव, भारतीय हिमालयी क्षेत्र (IHR) जैसे अति-नाजुक क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देगा।
  • निजी क्षेत्र की भागीदारी: जैसे- कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) निधियों का उपयोग अति-महत्वपूर्ण पारिस्थितिक क्षेत्रों की पुनर्बहाली में या संरक्षण के प्रति समर्पित व्यक्तियों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों को सहायता प्रदान करने में किया जाएगा। 
  • कार्बन मार्केट का लाभ उठाना: वानिकी और कृषि-वानिकी वृक्षारोपण से अर्जित कार्बन क्रेडिट्स की स्वैच्छिक कार्बन मार्केट में बिक्री को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • प्रो-एक्टिव ग्रीन इंडिया फोर्स की स्थापना: समर्पित, इच्छुक और प्रशिक्षित युवाओं का एक कैडर गठित किया जाएगा। यह कैडर परियोजनाओं के क्रियान्वयन, रखरखाव एवं परिसंपत्तियों की निगरानी में सहयोग करेगा।
  • Tags :
  • MoEFCC
  • राष्ट्रीय ग्रीन इंडिया मिशन
  • विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम दिवस
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