यह टेक्सास स्थित स्टार्ट-अप कंपनी एक्सिओम स्पेस (Axiom Space) द्वारा स्पेसएक्स (SpaceX) के साथ साझेदारी में लॉन्च किया गया था।
- यह इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए नासा का चौथा पूर्ण निजी अंतरिक्ष यात्री मिशन है।
- इस मिशन की टीम में संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत, पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं।
- शुभांशु शुक्ला 1984 के बाद से अंतरिक्ष में जाने वाले भारत के दूसरे राष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्री होंगे।
- राकेश शर्मा 1984 में सोवियत संघ के सोयुज यान से अंतरिक्ष में जाने वाले पहले और अब तक के एकमात्र भारतीय थे।
AXIOM-4 मिशन के बारे में:
- यह मिशन एक्सिओम स्पेस (एक निजी कंपनी), नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा/ NASA), भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो/ ISRO) और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के सहयोग से किया जा रहा है।
- मिशन के अंतरिक्ष यात्री ISS पर 14 दिन बिताएंगे, जहां वे माइक्रोग्रैविटी से जुड़े शोध और तकनीकी संबंधी प्रयोग करेगें तथा आउटरीच गतिविधियों में शामिल होंगे।
भारत के लिए महत्त्व:
- माइक्रोग्रैविटी में जैविक प्रक्रियाओं को समझने में मदद मिलेगी और लंबे समय तक चलने वाले अंतरिक्ष मिशनों के लिए रणनीतियां विकसित की जाएंगी।
- इस मिशन में किए जाने वाले वैज्ञानिक प्रयोग अंतरिक्ष विज्ञान और तकनीक में महत्वपूर्ण प्रगति लाएंगे। इससे भारत के युवा वैज्ञानिकों एवं इंजीनियरों को प्रेरणा मिलेगी।
- यह मिशन अंतरिक्ष क्षेत्रक में भारत की उपस्थिति को मजबूत करेगा और यह प्रदर्शित करेगा कि भारत वैश्विक वैज्ञानिक प्रगति में अपना योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है।
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के बारे में:
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