इसका आधिकारिक नाम सोनभद्र फॉसिल्स पार्क है और यह उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में स्थित है।
- IUCN के 2020 के "जीवन के विकास (Evolution of Life)" से जुड़े दिशा-निर्देशों के अनुसार यह पार्क जियो-हेरिटेज साइट की श्रेणी में आता है। साथ ही, यह पार्क यूनेस्को के ‘2021 के पृथ्वी के इतिहास और जीवन के विकास से जुड़े मानकों’ पर भी खरा उतरता है।
सलखान फॉसिल पार्क के बारे में
- यह कैमूर पहाड़ियों (जो विन्ध्य पर्वतमाला का हिस्सा हैं) में स्थित है और कैमूर वन्यजीव अभयारण्य के पास है।
- यह दुनिया के सबसे पुराने और अच्छी तरह से संरक्षित जीवाश्म स्थलों में से एक है। यहां के जीवाश्म करीब 1.4 बिलियन (140 करोड़) साल पुराने हैं।
- इस स्थल पर पाए जाने वाले जीवाश्मों में स्ट्रोमैटोलाइट्स शामिल हैं, जो सायनोबैक्टीरिया (या नीले-हरे शैवाल) के समूहों द्वारा बनाए जाते हैं।
- ये जीवाश्मी सूक्ष्म संरचनाएं उस महान ऑक्सीकरण घटना (Great Oxidation Event) का रिकॉर्ड रखती हैं, जब पहली बार पृथ्वी के वातावरण में ऑक्सीजन संचित होना शुरू हुई थी।
- इस स्थल पर पाए जाने वाले जीवाश्मों में स्ट्रोमैटोलाइट्स शामिल हैं, जो सायनोबैक्टीरिया (या नीले-हरे शैवाल) के समूहों द्वारा बनाए जाते हैं।
सलखान फॉसिल पार्क का महत्त्व
- प्राचीन वातावरण को समझने में सहायक: इस पार्क में विभिन्न प्रकार के स्ट्रोमैटोलाइट्स पाए जाते हैं- जैसे गुंबदाकार (domal), स्तंभाकार (columnar), और परतदार (stratiform)। ये पुराने समय में जल की गहराई, तलछट (sedimentation) और लहरों की गतिविधियों में हुए बदलावों को दर्शाते हैं।
- प्री-कैम्ब्रियन काल की जानकारी देना: यह स्थल वर्ल्ड हेरिटेज फॉसिल्स रिकॉर्ड में एक महत्वपूर्ण रिक्त स्थान को भरता है, क्योंकि यह प्री-कैम्ब्रियन युग को प्रदर्शित करता है।
- यह पृथ्वी के इतिहास के 85% हिस्से को कवर करता है, जो अब तक दुनिया भर में बहुत कम वर्णित किया गया है।
यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स (विश्व धरोहर स्थल)
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