केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 7D के तहत यह अधिसूचना जारी की है।
अधिसूचना के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर
- OCI (ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया) का पंजीकरण निम्नलिखित स्थितियों में रद्द किया जा सकता है, यदि:
- किसी व्यक्ति को कम-से-कम दो साल की जेल की सजा सुनाई गई हो; या
- किसी व्यक्ति के खिलाफ ऐसे अपराध के लिए चार्जशीट दायर की गई हो, जिसमें सात साल या उससे अधिक की कैद का प्रावधान हो।
OCI कार्ड के बारे में
- OCI कार्ड योजना 2005 में नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन के माध्यम से शुरू की गई थी।
- 2015 में, पर्सन ऑफ इंडियन ओरिजिन (PIO) कार्ड योजना को OCI के साथ मिला दिया गया था और सभी PIO कार्डधारकों को OCI कार्डधारक मान लिया गया।
- OCI कोई 'दोहरी नागरिकता' नहीं है। यह राजनीतिक अधिकार प्रदान नहीं करता है।
- OCI पंजीकरण रद्द करने के आधार:
- धोखाधड़ी से पंजीकरण लिया हो;
- भारत के संविधान के प्रति असंतोष प्रकट किया हो;
- भारत की संप्रभुता, अखंडता, सुरक्षा, या विदेशों से मैत्रीपूर्ण संबंधों तथा लोकहित के लिए आवश्यक हो आदि।
- OCI कार्डधारकों को मिलने वाले लाभ:
- OCI कार्डधारकों को आजीवन वीजा की सुविधा उपलब्ध है। वे भारत में कई बार आ-जा सकते हैं। वास्तव में यह बहुउद्देशीय कार्ड है।
- भारत में किसी भी अवधि के लिए ठहरने हेतु विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी या विदेशी पंजीकरण अधिकारी के पास पंजीकरण कराने से छूट।
- आर्थिक, वित्तीय और शिक्षा से जुड़े क्षेत्रों में उन्हें अनिवासी भारतीयों (NRIs) के समान सुविधाएं दी जाती हैं।
- हालांकि, OCI कार्डधारकों को भारत में कृषि-भूमि या बागान जैसी परिसंपत्तियों की खरीद की अनुमति नहीं है।
OCI के रूप में पंजीकरण के लिए पात्रता
|