केंद्र सरकार ने सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (AFSPA), 1958 के तहत मणिपुर राज्य के 13 पुलिस थानों के क्षेत्र को छोड़कर, पूरे राज्य को ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित कर दिया है। इसकी अवधि अगले छह महीने तक बढ़ा दी गई है।
- अशांत क्षेत्र: AFSPA अधिनियम, 1958 की धारा 3 के तहत किसी क्षेत्र को ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित किया जाता है।
- जब किसी राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश के कुछ क्षेत्र या पूरे राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश में ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है कि नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए सशस्त्र बलों का उपयोग आवश्यक हो जाता है, तब उस राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश के कुछ क्षेत्र या पूरे राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश को ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित किया जाता है।
- किसी क्षेत्र को ‘अशांत क्षेत्र’ राज्य के राज्यपाल/ केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासक या केंद्र सरकार द्वारा घोषित किया जाता है।
- अशांत क्षेत्रों में सशस्त्र बलों को AFSPA के तहत प्राप्त अधिकार:
- किसी क्षेत्र में पांच या उससे अधिक लोगों की भीड़ को प्रतिबंधित करने का अधिकार।
- उचित संदेह होने पर सेना को बिना वारंट के किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने का अधिकार।
- बिना वारंट के किसी घर या परिसर में प्रवेश करने और तलाशी लेने का अधिकार।
- हथियारों के भंडार, किलेबंद स्थान जहां से सशस्त्र हमले किए जा सकते हैं, या हथियारबंद स्वयंसेवियों के प्रशिक्षण शिविर को नष्ट करने का अधिकार।
- कानून जहां पर लागू है: अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा।