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Posted 27 Sep 2025

8 min read

न्यायाधीशों की नियुक्ति

राष्ट्रपति ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में 24 न्यायाधीशों की नियुक्ति की है।

उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति

  • अनुच्छेद 217: संविधान के अनुच्छेद 217 के अनुसार राष्ट्रपति के द्वारा हाई कोर्ट के न्यायाधीश की नियुक्ति की जाती है।
  • मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति: राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, लेकिन इसके पहले सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) और राज्य के राज्यपाल से परामर्श किया जाता है।
    • उच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए, संबंधित हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से भी परामर्श किया जाता है।
  • उच्च न्यायालय के के न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए सिफारिश एक कॉलेजियम द्वारा की जाती है, जिसमें CJI और सुप्रीम कोर्ट के दो वरिष्ठतम न्यायाधीश शामिल होते हैं।
  • Tags :
  • Article 217 of the Constitution
  • High Court Judges

भारत के महान्यायवादी

राष्ट्रपति ने आर. वेंकटरमणी को भारत के महान्यायवादी के रूप में दो वर्ष के कार्यकाल के लिए पुनः नियुक्त किया है।

भारत के महान्यायवादी के बारे में

  • योग्यता (अनुच्छेद 76):  व्यक्ति को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने की पात्रता रखनी चाहिए।
  • कार्य: भारत सरकार को कानूनी मामलों में सलाह देना, राष्ट्रपति द्वारा सौंपे गए कानूनी कार्यों का निष्पादन करना और संविधान या किसी अन्य कानून द्वारा सौंपे गए कार्यों को पूरा करना।
  • सभी अदालतों में उपस्थित होने का अधिकार: वह भारत के सभी न्यायालयों में उपस्थित होकर सुनवाई में भाग ले सकता है।
  • कार्यकाल: राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यन्त पद पर बने रहते हैं  और वेतन/भत्ते का निर्धारण भी राष्ट्रपति करते हैं
  • संसदीय अधिकार (अनुच्छेद 88): उन्हें संसद के किसी भी सदन की कार्यवाही में भाग लेने और बोलने का अधिकार है, लेकिन संसद में किसी विषय पर मतदान करने का अधिकार नहीं है।
  • Tags :
  • Attorney General of India
  • Article 76

रूस-ईरान परमाणु संयंत्र समझौता

ईरान की हॉर्मोज़ कंपनी और रोसाटॉम के बीच सीरिक (हॉर्मोज़गन प्रांत) में 25 बिलियन डॉलर के मूल्य पर चार परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के निर्माण के लिए एक समझौता किया गया है।

  • प्रत्येक संयंत्र की क्षमता 1,255 मेगावाट होगी।
  • वर्तमान में ईरान के पास सिर्फ एक चालू परमाणु संयंत्र है, जो बुशहर में स्थित है।

ईरान के प्रमुख परमाणु स्थल:

  • नांताज़ संवर्धन परिसर;
  • फोर्दो ईंधन संवर्धन संयंत्र;
  • इस्फ़हान यूरेनियम रूपांतरण और ईंधन निर्माण परिसर
  • Tags :
  • Russia-Iran Nuclear Plants Deal

G4, L.69 और C-10

G4 सदस्य देशों के मंत्रियों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सुधारों के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

  • भारत के विदेश मंत्री ने L.69 समूह और C-10  की संयुक्त बैठक भी आयोजित की।

G4 (ग्रुप ऑफ फोर)

  • सदस्य: ब्राजील, जर्मनी, भारत और जापान।
  •  उद्देश्य: UNSC की स्थायी सदस्यता के प्रयासों में एक-दूसरे का समर्थन करना।

L.69 समूह

  • सदस्य: अफ्रीका, एशिया, लैटिन अमेरिका, कैरेबियन, प्रशांत क्षेत्र के 40 से अधिक विकासशील देश। इनमें भारत भी शामिल है। 
  •  उद्देश्य: विकासशील देशों के लिए अधिक प्रतिनिधित्व के साथ UNSC के व्यापक सुधार को आगे बढ़ाना।

C-10 (दस देशों की समिति)

  • सदस्य: अफ्रीकी संघ के 10 देश – अल्जीरिया, इक्वेटोरियल गिनी, कांगो, केन्या, लीबिया, नामीबिया, सेनेगल, सियरा लियोन, युगांडा और जाम्बिया।
  • उद्देश्य: UNSC में सुधार पर अफ्रीका के साझा पक्ष का प्रतिनिधित्व करना।
  • Tags :
  • G4 (Group of Four)
  • L.69 Group
  • UN Security Council reforms.
  • C10 (Committee of Ten)

जल संचय जन भागीदारी (JSJB) पहल

कर्नाटक के बीदर जिले ने ‘जल शक्ति अभियान: कैच द रेन’ के अंतर्गत जल संचय जन भागीदारी पुरस्कार जीता।

  • इसके अलावा, तेलंगाना ने वर्षा जल संरक्षण में शीर्ष स्थान हासिल किया।

जल संचय जन भागीदारी (JSJB) पहल के बारे में:

  • शुरुआत: यह पहल 2024 में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य समुदाय की भागीदारी और स्वामित्व के माध्यम से जल संरक्षण को बढ़ावा देना है।
  • नोडल मंत्रालय: जल शक्ति मंत्रालय
  • लक्ष्य: वर्षा जल संचयन, भूजल पुनर्भरण (aquifer recharge), बोरवेल रिचार्ज, रिचार्ज शाफ्ट आदि के माध्यम से जल पुनर्भरण को बढ़ाना। इसमें सरकारी संसाधनों के साथ-साथ गैर-सरकारी स्रोतों- जैसे CSR फंड्स, औद्योगिक घराने, स्थानीय निकाय और जल संरक्षण में रुचि रखने वाले संगठनों का योगदान भी शामिल किया जाता है।
  • Tags :
  • Jal Sanchay Jan Bhagidari (JSJB) Initiative
  • Karnataka’s Bidar

ग्रीन पटाखे

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-NCR में ग्रीन पटाखों के निर्माण की अनुमति दी है।

ग्रीन पटाखे क्या हैं?

  • ग्रीन पटाखों में हानिकारक रसायन नहीं होते हैं और ये वायु प्रदूषण को कम करते हैं।
  • संरचना: इसमें फुलझड़ी, पेंसिल, स्पार्कलर, मरून, बम और चकरी शामिल होती हैं। इनमें थर्माइट की मात्रा कम होती है और एल्युमिनियम का सीमित प्रयोग होता है।
  • इनमें बेरियम नहीं होता, जिसे सामान्य पटाखों में हरे रंग के प्रकाश के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
  • लाभ: ये पार्टिकुलेट मैटर उत्सर्जन को कम-से-कम 30% तक कम करते हैं। इसके लिए ऑक्सीकारक के रूप में पोटेशियम नाइट्रेट का उपयोग किया जाता है।
  • पहचान और प्रमाणीकरण: हरित पटाखों की पहचान CSIR NEERI लोगो से होती है।
  • Tags :
  • Green Firecrackers

कॉरपोरेट एवरेज फ्यूल एफिशिएंसी (CAFE) मानक

ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) ने CAFE-3 और CAFE-4 मानदंडों के मसौदे में संशोधन किया है।

  • नए मानदंडों में पहली बार छोटी कारों को विशेष राहत दी गई है, और फ्लेक्स-फ्यूल तथा स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड वाहनों के लिए प्रोत्साहन प्रदान किए गए हैं।

CAFE मानदंड क्या हैं?

  • इन्हें सबसे पहले सरकार द्वारा ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के तहत 2017 में अधिसूचित किया गया था।
  • उद्देश्य: CO2​ उत्सर्जन को कम करके ईंधन की खपत को कम करना। तेल पर निर्भरता और वायु प्रदूषण को कम करना।
  • किन पर लागू: यह ड्राइवर सहित अधिकतम 9 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता वाली यात्री कारों और अधिकतम 3,500 किलोग्राम सकल भार वाले वाहनों पर लागू होता है।
  • प्रभावी तिथि: ये मानदंड 1 अप्रैल, 2027 से 31 मार्च, 2032 तक लागू रहेंगे।
  • Tags :
  • Bureau of Energy Efficiency (BEE)
  • Corporate Average Fuel Efficiency (CAFE) norms

दिनांकित प्रतिभूतियां और सॉवरेन ग्रीन बांड्स (SGrBs)

भारत सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के परामर्श से चालू वित्तीय वर्ष की दूसरी छमाही के लिए अपने उधार कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया है। इसमें दिनांकित प्रतिभूतियां और सॉवरेन ग्रीन बांड्स (SGrBs) जारी करना शामिल हैं।

दिनांकित प्रतिभूतियां (सरकारी बांड्स) 

  • परिभाषा: ये ऐसी प्रतिभूतियां हैं जिन पर एक निश्चित या परिवर्तनीय कूपन (ब्याज दर) का भुगतान किया जाता है। इनका भुगतान छमाही आधार पर अंकित मूल्य पर किया जाता है।
  • मैच्योरिटी अवधि: इनकी मैच्योरिटी अवधि 5 वर्ष से 40 वर्ष तक होती है।
  • अन्य अल्पकालिक सरकारी प्रतिभूतियां: नकद प्रबंधन बिल (CMBs), ट्रेजरी बिल्स।

सॉवरेन ग्रीन बांड्स (SGrBs)

  • ये पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डालने वाली अथवा अनुकूल जलवायु लाभ वाली परियोजनाओं को वित्त-पोषित करने हेतु जारी ऋण प्रतिभूतियां (Debt securities) हैं।
  • शुरुआत: इसे केंद्रीय बजट 2022-2023 में पेश किया गया था।
  • Tags :
  • Dated Securities (Government Bonds)
  • Sovereign Green Bonds (SGBs)
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