IMF के अनुसार स्टेबलकॉइन्स केंद्रीय बैंक के नियंत्रण को कमजोर कर सकते हैं और मुद्रा प्रतिस्थापन को बढ़ा सकते हैं | Current Affairs | Vision IAS
मेनू
होम

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए प्रासंगिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विकास पर समय-समय पर तैयार किए गए लेख और अपडेट।

त्वरित लिंक

High-quality MCQs and Mains Answer Writing to sharpen skills and reinforce learning every day.

महत्वपूर्ण यूपीएससी विषयों पर डीप डाइव, मास्टर क्लासेस आदि जैसी पहलों के तहत व्याख्यात्मक और विषयगत अवधारणा-निर्माण वीडियो देखें।

करंट अफेयर्स कार्यक्रम

यूपीएससी की तैयारी के लिए हमारे सभी प्रमुख, आधार और उन्नत पाठ्यक्रमों का एक व्यापक अवलोकन।

ESC

In Summary

आईएमएफ ने चेतावनी दी है कि स्थिर मुद्राओं की वृद्धि से मुद्रा प्रतिस्थापन हो सकता है, केंद्रीय बैंक का नियंत्रण कमजोर हो सकता है, तथा बाजार में अस्थिरता, वित्तीय अपराध और बैंकिंग स्थिरता में कमी जैसे जोखिम उत्पन्न हो सकते हैं, इसलिए नियामक और मैक्रोफाइनेंशियल सुरक्षा उपायों का आग्रह किया गया है।

In Summary

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के एक नए पेपर ने स्टेबलकॉइन्स की तेजी से हो रही वृद्धि, उनसे जुड़े जोखिमों और निहितार्थों का विश्लेषण किया है।

स्टेबलकॉइन्स के बारे में

  • परिचय: ये ऐसी क्रिप्टो परिसंपत्तियां (Crypto Assets) हैं, जिनका मूल्य किसी फ़िएट मुद्रा (जैसे- डॉलर) के मुकाबले स्थिर होता है। यह विशेषता उन्हें बिटकॉइन (Bitcoin) जैसी अत्यधिक अस्थिर व गैर-समर्थित (unbacked) क्रिप्टो परिसंपत्तियों से अलग करती है।
  • जारीकर्ता: इन्हें आमतौर पर क्रिप्टो फर्मों या वित्तीय संस्थाओं जैसी केंद्रीकृत संस्थाओं द्वारा जारी व संचालित किया जाता है।
  • उपयोग:
    • इन्हें मूल रूप से क्रिप्टो ट्रेडिंग के लिए एक सेतु के रूप में डिज़ाइन किया गया था। अब इनका उपयोग सीमा-पार भुगतान और विप्रेषण (Remittances) में भी बढ़ रहा है।
    • स्टेबलकॉइन्स एसेट टोकनाइजेशन की व्यापक प्रवृत्ति का हिस्सा हैं। एसेट टोकनाइजेशन का अर्थ है एक प्रोग्रामेबल लेज़र पर परिसंपत्ति का प्रतिनिधित्व करना।
    • इनमें भुगतान प्रणालियों को कुशल बनाने की क्षमता है।

स्टेबलकॉइन्स से जुड़े जोखिम

  • रन जोखिम: यदि उपयोगकर्ताओं का विश्वास गिरता है, तो इन्हें बड़े पैमाने पर भुनाया (Redemption) जाएगा। इससे आरक्षित परिसंपत्तियों (जैसे अमेरिकी ट्रेजरी बिल) की फायर सेल्स (बहुत कम कीमतों पर तुरंत बिक्री) हो सकती है। इसके कारण बाजार की व्यापक कार्य-प्रणाली प्रभावित हो सकती है।
  • मुद्रा प्रतिस्थापन: जिन देशों में उच्च मुद्रास्फीति या कमजोर संस्थान हैं,  वहां विदेशी-मूल्यवर्ग के स्टेबलकॉइन्स को व्यापक रूप से अपनाने से मौद्रिक संप्रभुता कम हो सकती है। साथ ही, घरेलू मौद्रिक नीति की प्रभावशीलता कमजोर हो सकती है।
  • मध्यवर्तियों के रूप में बैंकों की भूमिका घटना: ये बैंकों के स्थिर वित्त-पोषण स्रोतों को कम कर सकते हैं। इससे उनकी ऋण देने की क्षमता प्रभावित हो सकती है।
  • वित्तीय अखंडता: ब्लॉकचेन लेन-देन की छद्म-नाम प्रकृति (Pseudonymity) धन शोधन (money laundering) और आतंकवाद के वित्त-पोषण जैसे जोखिम पैदा करती है।

आगे की राह

  • सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDCs) को बढ़ावा देना: CBDCs एक विनियमित ढांचे के भीतर कार्य करती हैं। इस प्रकार, ये उपभोक्ता संरक्षण सुनिश्चित करती हैं। इनके विपरीत, कुछ स्टेबलकॉइन्स के मामले में विनियामक निरीक्षण की कमी होती है।
  • सूक्ष्म-वित्तीय सुरक्षा उपायों का विकास: मुद्रा प्रतिस्थापन, अस्थिर पूंजी प्रवाह और भुगतान विखंडन जैसे मुद्दों के लिए ये उपाय जरूरी हैं।
  • अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करना और विश्व में विनियामक कार्यान्वयन में समन्वय: विनियमन में विखंडन से लाभोन्मुख व्यापार अंतरपणन (arbitrage) हो सकता है, जहां जारीकर्ता कमजोर निरीक्षण वाले अधिकार क्षेत्रों में चले जाते हैं।
    • लाभोन्मुख व्यापार अंतरपणन (arbitrage): (व्यापार में) किसी वस्तु उदाहरण के लिए- विदेशी मुद्रा को, किसी स्थान पर खरीदकर उसे किसी अन्य स्थान पर बेचने की प्रथा, जहां उसकी कीमत अधिक हो।  
Watch Video News Today
Title is required. Maximum 500 characters.

Search Notes

Filter Notes

Loading your notes...
Searching your notes...
Loading more notes...
You've reached the end of your notes

No notes yet

Create your first note to get started.

No notes found

Try adjusting your search criteria or clear the search.

Saving...
Saved

Please select a subject.

Referenced Articles

linked

No references added yet

Subscribe for Premium Features